उड़ान के वित्तपोषण की राह तलाश रही सरकार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 4:54 AM IST

नागरिक उड्डयन मंत्रालय क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के वित्तपोषण की राह तलाश रही है। हालांकि इसके लिए तय किए गए 268 उड़ान मार्गों में से कम मांग की वजह से सिर्फ 136 मार्ग ही परिचालन में हैं।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इसे लेकर अभी कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है, लेकिन संभावित विकल्पों में टिकट लेवी के प्रतिभूतिकरण के माध्यम से धन जुटाने और ज्यादा मांग वाले मार्गों पर सब्सिडी वाली सीटें कम करने का विकल्प शामिल है।
तीन साल पुरानी योजना उड़ान का वित्तपोषण प्रमुख मार्गों पर उड़ान के टिकट पर 50 रुपये लेवी के माध्यम से होता है। एयलाइंस को मुहैया कराए जाने वाले व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) में इस लेवी का अंशदान 80 प्रतिशत होता है। शेष 20 प्रतिशत वित्तपोषण राज्य सरकारें करती हैं।
योजना के तहत एयरलाइंस की 50 प्रतिशत सीटों के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण की पेशकश की जाती हैऔर उन सीटों का किराया सरकार तय करती है। उड़ानों की संख्या सीमित होने के कारण वीजीएफ संग्रह कम होता है और इससे मंत्रालय को भुगतान तार्किक बनाने की राह पर विचार करना पड़ रहा है।
दो महीने तक उड़ानें लंबित रहने के बाद 25 मई को आरसीएस योजना सहित घरेलू उड़ानें शुरू कर दी गई हैं। एयरलाइंस को अपने  गैर आरसीएस उड़ानों में से 45 प्रतिशत के परिचालन की अनुमति दी गई है, वहीं वास्तविक संख्या 30 प्रतिशत से भी कम है। उड़ानें भी 55 प्रतिशत से 60 प्रतिशत के बीच ही भर रही हैं, जिसका मतलब यह है कि वीजीएफ में अंशदान कम होता है।
2017 में योजना शुरू किए जाने के बाद एयरलाइंस को 688 आरसीएस मार्ग आवंटित किए गए हैैं, उनमें अप्रैल से पहले तक सिर्फ 268 ही परिचालन में थीं। एलायंस एयर, इंडिगो, स्पाइसजेट, स्टारएयर और ट्रू जेट 25 मई के बाद इन मार्र्गों में से 146 मार्गों पर उड़ानों का परिचालन कर रही हैं। इस समय ये एयरलाइंस सिर्फ 136 मार्गों पर उड़ान भर रही हैं और सप्ताह में महज 16,400 यात्री उड़ान भर रहे हैं, जबकि कम मांग के कारण 16 मार्गों पर उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं।
अप्रैल के पहले टिकट लेवी से मासिक संग्रह करीब 35 करोड़ रुपये था, जबकि एयरलाइंस को करीब 60 करोड़ रुपये भुगतान करना पड़ता था। अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय के पास एक पूंजी है, जिससे एयरलाइंस को 6 महीने समर्थन दिया जा सकता है। सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय यह है कि मांग बहाल हो और एयरलाइंस की वित्तीय सेहत में सुधार हो।
इस सिलसिले में मांगी गई जानकारी पर ई मेल से भेजे जवाब में मंत्रालय ने कहा, ‘इस समय आरसीएस लेवी के संग्रह की योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बहरहाल मंत्रालय नवोन्मेषी मॉडलों और विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है।’
मंत्रालय ने सब्सिडी कम करने को लेकर एयरलाइंस के साथ चर्चा की है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि यात्रा की मांग बहुत कम है, ऐसे में बाजार दर पर उड़ानें भरना और चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि क्वारंटीन के प्रतिबंध में ढील मिलने पर मांग में सुधार होगा। सरकार ने कुछ मामलों को छोड़कर 500 किलोमीटर से ज्यादा लंबे मार्ग पर वीजीएफ भुगतान न करने का फैसला किया है। यह मई से 3 महीने तक किया गया है और इसकी वजह से हुबली हिंडन मार्ग सहित कुछ आरसीएस मार्ग लंबित हो गए हैं।
स्टार एयर के प्रवक्ता ने कहा, ‘लंबे और छोटे मार्ग पर परिचालन हमारी कारोबारी योजना का हिस्सा है। हमने आवंटित आरसीएस मार्र्गों पर अस्थायी रूप से उड़ानें प्रतिबंधित की हैं और उम्मीद है कि मंत्रालय अपने आदेश जल्द वापस ले लेगा।’ स्टार एयर ने हुबली-हिंडन और तिरुपति-हुबली मार्ग पर उड़ान रद्द कर दी है और गुलबर्ग तिरुपति सेवा की पेशकश टाल दी है।
एलायंस एयर ने कहा कि उसके 6 मार्ग 500 किलोमीटर से लंबे हैं और एयरलाइंस सभी मार्गों पर परिचालन कर रही है। इंडिगो और स्पाइसजेट ने मांगी गई सूचना पर कोई उत्तर नहीं दिया।

First Published : July 14, 2020 | 12:25 AM IST