अग्निपथ योजना पर सरकार अडिग

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 6:10 PM IST

रक्षा मंत्रालय ने देश में अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि इस योजना को वापस नहीं लिया जाएगा।
सेना के शीर्ष रणनीतिकारों ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अग्निपथ योजना वापस लेने या इसमें संशोधन करने का कोई इरादा नहीं है। बिहार, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में इस योजना का विरोध हो रहा है। सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी। इसे वापस लेने का कोई कारण नहीं है।’ अग्निपथ योजना का खाका तैयार करने में पुरी की अहम भूमिका रही है और वह इसका पुरजोर बचाव कर रहे हैं।
पुरी ने संवाददाता सम्मेलन में जता दिया कि सरकार देश के कुछ राज्यों में हो रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से योजना वापस नहीं लेगी। पुरी ने कहा, ‘अग्निपथ योजना में रक्षा मंत्रालय ने विरोध प्रदर्शन या आगजनी के दबाव में आकर कुछ रियायत नहीं दी है बल्कि इन पर पहले से ही विचार हो रहा था।’
संवाददाता सम्मेलन में सैन्य अधिकारियों ने भर्ती कार्यक्रम की रूपरेखा पेश की और कहा कि अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा। लेफ्टिनेंट  जनरल सी बंसी पोनप्पा ने कहा कि 15 अगस्त से पहले सेना में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और दिसंबर के पहले सप्ताह में अग्निवीर अपनी सेवा शुरू कर देंगे। पोनप्पा ने कहा कि अग्निवीरों का दूसरा जत्था फरवरी में सेना का हिस्सा बन जाएगा। पोनप्पा ने कहा कि सेना 83 भर्ती रैलियां करेगी और देश के लगभग हरेक गांव में जाएगी। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश में गांवों की संख्या 6,40,930 लाख है और इस लिहाज से प्रत्येक रैली में औसतन 7,722 गांवों से भर्तियां की जाएंगी।
वायु सेना का भी कहना है कि वह दिसंबर के पहले सप्ताह तक अग्निवीरों के पहले समूह को शामिल कर लेगी और नए साल से पहले उनका प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।
हालांकि नौसेना में अग्निवीरों का पहला समूह सबसे पहले पहुंच जाएगा। नौसेना में प्रशिक्षण के लिए ओडिसा की चिल्का झील तक अग्निवीरों का पहला समूह 21 नवंबर तक प्रशिक्षण के लिए पहुंच जाएगा।
अग्निवीर योजना के विरोध में देश में उग्र प्रदर्शन के कारण सरकार को कई रियायतों की घोषणा करनी पड़ी है। इनमें रक्षा मंत्रालय (तट रक्षक, रक्षा नागरिक पदों सहित) और सभी 16 रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों की नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान शामिल है। यह आरक्षण पूर्व सैनिकों को मिल रहे आरक्षण के अतिरिक्त होगा। इसके अलावा सरकार ने आनन-फानन में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में सेवानिवृत्त अग्नि वीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की भी घोषणा की है। सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स शामिल है। असम राइफल्स रक्षा मंत्रालय के तहत आता है।
पुरी शुरू से यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि पेंशनभोगियों की संख्या कम कर या सैनिकों की सेवा अवधि कम कर वित्तीय संसाधन बचाना अग्निपथ योजना का मकसद नहीं है। उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य सेना में सेवा देने वाले लोगों की औसत उम्र 32 वर्ष से घटाकर 27 वर्ष करना है।
पुरी ने लोगों को आगजनी एवं प्रदर्शन करने से रोकने के लिए डर भी दिखाया। उन्होंने कहा कि कि जिन लोगों के खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज होंगे वे अग्निपथ योजना के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे।

First Published : June 20, 2022 | 12:58 AM IST