एक ओर जहां डीएलएफ, गोदरेज प्रॉपर्टीज और ओबेरॉय रियल्टी जैसे शीर्ष डेवलपरों की वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में ग्राहकों से होने वाली पैसे की आमद, नकद प्रवाह और बिक्री से होने वाली कमाई में कमी आई है, वहीं डेवलपर और विश्लेषक दोनों उम्मीद जता रहे हैं कि आगामी तिमाहियों में इस कारोबार में तेजी आएगी, क्योंकि निर्माण गतिविधियों में सुधार हुआ है।
इस साल अप्रैल और मई महीने में निर्माण गतिविधि लगभग ठहर गई थी।
हालांकि विश्लेषकों और डेवलपरों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष रियल एस्टेट डेवलपरों के लिए मुश्किल भरा होने जा रहा है क्योंकि संभावित खरीदार बाहर हैं।
देश की सबसे बड़ी डेवलपर डीएलएफ का बिक्री से होने वाला संग्रह वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 315 करोड़ रुपये रहा जो कि वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में रहे 705 करोड़ रुपये के मुकाबले आधा है।
उसका कर और ब्याज पूर्व परिचालन नकद प्रवाह भी इस दौरान 70 फीसदी नीचे चला गया।
विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारी स्थिति का तिमाही आधार पर तुलना का विशेष अर्थ है, क्योंकि पहली तिमाही में कोविड से झटका लगा था।
डीएलएफ ने पिछले हफ्ते कहा था, ‘लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्य रुका हुआ था। अब सभी स्थलों पर निर्माण कार्य फिर से शुरू हो चुका है और यह कोविड पूर्व के 65 फीसदी पर पहुंच चुका है।’ विज्ञप्ति में कंपनी ने कहा था कि अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कारोबारी प्रदर्शन पर असर पड़ा था।
वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में देश की दूसरी सबसे बड़ी डेवलपर गोदरेज प्रॉपर्टीज का संग्रह 420 करोड़ रुपये रहा था, जो कि कोविड पूर्व के स्तर से 40 फीसदी कम है। इसके कारण कंपनी के शुद्ध ऋण का स्तर तिमाही दर तिमाही के आधार पर 590 करोड़ रुपये से चढ़कर 1,750 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी की औसत बिक्री प्राप्ति में भी कमी आई है। यह वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में 6,648 वर्गफुट की तुलना में कम होकर वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 6,094 वर्गफुट रह गई। लेकिन यह वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 5,811 वर्गफुट की तुलना में अधिक है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज के चेयरमैन पिरोजशा गोदरेज ने कहा, ‘संग्रह सामान्यत: निर्माण से जुड़ा है, लेकिन अप्रैल और मई में निर्माण नहीं होने से उस पर ध्यान देने का कोई मतलब नहीं है। अब श्रमिक कोविड पूर्व के स्तर से 60 फीसदी हैं।’ गोदरेज ने कहा कि इन्हीं कारणों से कर्ज में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘निर्माण को धक्का पहुंचा जिसके कारण नकद प्रवाह पिछले वर्ष के मुकाबले कम रहा। निर्माण में सुधार आने पर इसमें बदलाव आना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में कीमतों में कोई कमी नहीं की और अलग अलग शहरों में दाम अलग होने से इनकी तुलना नहीं की जा सकती है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में शोध विश्लेषक आदिदेव चटोपाध्याय ने कहा कि एक ओर जहां गोदरेज प्रॉपर्टीज का वित्त वर्ष 2021 में परिचालन नकद प्रवाह कमजोर बना रह सकता है, जीपीएल जून 2020 में 2,200 करोड़ रुपये के नकद भंडार के साथ सामान्य स्थिति में बनी हुई है और वित्त वर्ष 2021 की बिक्री बुकिंग में वृद्धि का लक्ष्य बना रही है।
चटोपाध्याय ने कहा कि गोदरेज प्रॉपर्टीज ने 15.3 अरब रुपये मूल्य की मजबूत सकल बिक्री बुकिंग हासिल की है जो सालाना आधार पर 71 फीसदी की उछाल दर्शाता है। कंपनी ने यह उपलब्धि डिजिटल चैनल के माध्यम से हासिल की है। इन ग्राहकों में से 50 फीसदी अनिवासी भारतीय हैं।
बाजार पूंजी के लिहाज से तीसरी सबसे बड़ी डेवलपर ओबेरॉय रियल्टी को भी जून तिमाही में झटकों का सामना करना पड़ा। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के चटोपाध्याय ने कहा, ‘मुंबई के आलीशान आवासीय बाजार में उसकी पहुंच और मॉल/होटल कारोबार में जारी कमजोरी पर विचार करते हुए हमें आशंका है कि ओबेरॉय रियल्टी के लिए चालू वित्त वर्ष कठिनाई भरा हो सकता है।’