देश में सभी वयस्कों को कोविड-19 टीके की बूस्टर खुराक देने पर विचार किया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि कुछ देशों में संक्रमण बढ़ रहा है और कुछ भारतीयों को तीसरी खुराक के बिना विदेश यात्रा करने में दिक्कत आ रही है। दो सूत्रों ने आज यह जानकारी दी। इस समय देश में केवल अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही सरकारी केंद्रों पर मुफ्त में या निजी अस्पतालों में खरीदकर बूस्टर खुराक लगवाने की मंजूरी है।
एक सूत्र ने कहा कि सरकार इस बात पर विचार-विमर्श कर रही है कि अन्य समूहों को बूस्टर खुराक मुफ्त में दी जाए या नहीं। दोनों सूत्रों ने नाम प्रकाशित नहीं करने का आग्रह किया क्योंकि सरकार ने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इस बारे में पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
सीरम इंस्टीट््यूट ऑफ इंडिया ने आज कहा कि उसने टीके की खुराकों का उत्पादन दिसंबर में बंद कर दिया था, लेकिन उसके पास अब भी 20 करोड़ से अधिक खुराकों का भंडार है। भारत के टीका कार्यक्रम में सीरम के कोविशील्ड टीके का ही ज्यादातर इस्तेमाल हुआ है। कंपनी अब तक 1.9 अरब खुराकों का उत्पादन कर चुकी है। सीरम के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया कि बूस्टर या अन्य किसी तरीके की मांग आनी शुरू होती है तो वे टीके का उत्पादन फिर शुरू करेंगे। कोविशील्ड एस्ट्राजेनेका के टीके का संस्करण है।
इस बीच देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में दोबारा उभार का हवाला देते हुए राज्यों से कोविड-19 की निगरानी के उपाय बढ़ाने का आग्रह किया है। चीन और इटली में हाल में कोविड-19 के मामले बढ़े हैं। हालांकि भारत में संक्रमण के मामले एक साल से अधिक समय के सबसे निचले स्तर पर आ गए हैं। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 1,549 नए मामले और 31 मौत दर्ज की गई हैं। देश में अब तक संक्रमण के कुल मामले 4.3 करोड़ के पार जा चुके हैं और इस महामारी से 5,16,510 मौत हो चुकी हैं।
देश में करीब 1.4 अरब लोगों को टीकों की 1.81 अरब खुराक लग चुकी हैं। अब तक करीब दो करोड़ खुराक बूस्टर के रूप में लगी हैं।