कांटार इश्यूज बैरोमीटर के अनुसार, यूक्रेन पर हमला आर्थिक भारतीयों के लिए मुख्य चिंताजनक विषय बना हुआ है। उसके बाद आर्थिक चिंताओं और रहन-सहन के बढ़ते खर्च जैसी समस्याएं शामिल हैं।
भारत में 37 प्रतिशत लोगों ने यूक्रेन युद्ध को मुख्य चिंता करार दिया, जिसके बाद 29 प्रतिशत ने आर्थिक समस्याओं को अपनी मुख्य चिंताओं के तौर पर बताया। कांटार का ग्लोबल इश्यूज बैरोमीटर अध्ययन भारत में 800 लोगों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है और इसमें 19 देशों के 11,000 लोगों की राय शामिल की गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तापमान एवं पर्यावरण संबंधित समस्याएं भी उनकी प्रमुख तीन चिंताओं के तौर पर सामने आई हैं। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड-19 को चीन को छोड़कर शेष दुनिया में लंबे समय तक ज्यादा गंभीर मुद्दे के तौर पर नहीं देखा गया है। चीन में लॉकडाउन हाल में हटाया गया है।
यूक्रेन में युद्ध भारत में सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है, लेकिन यह चिंता यूरोपीय देशों के मुकाबले अभी भी कम बनी हुई है। दुनियाभर में, 64 प्रतिशत लोगों ने युद्ध को मुख्य चिंता के तौर पर करार दिया।
ईंधन, खाद्य एवं पेय पदार्थों और घरेलू बिलों में कीमत वृद्धि हुई है और भारतीयों ने बड़े इलेक्ट्रिकल उत्पादों की कीमतों में ज्यादा वृद्धि महसूस की है।
कांटार ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है, ‘जहां 35 प्रतिशत आबादी ने अपनी घरेलू वित्तीय स्थिति पर दबाव महसूस किया है, वहीं 46 प्रतिशत का मानना है कि उनके देश की सामान्य आर्थिक स्थिति अब कमजोर हो गई है। लोगों को अपने रहन सहन की जरूरतें पूरी करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है और 32 प्रतिशत परिवारों को अपने मासिक खर्च पूरे करने और 11 प्रतिशत को अपनी जरूरतें पूरी करने में समस्या हो रही है।’ कंपनी की विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि समस्याएं बरकरार रहने की आशंका है क्योंकि 71 प्रतिशत लोगों का मानना है कि महंगाई तेजी से बढ़ती रहेगी।