चालू वित्त वर्ष के अंत तक सूक्ष्म-वित्त संस्थानों (एमएफआई) पर भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) का कुल बकाया 10,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
सिडबी के उप-प्रबंध निदेशक प्रकाश कुमार ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले वित्त वर्ष में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) एवं एमएफआई क्षेत्र पर उसका बकाया 5,000 करोड़ रुपये था।
कुमार ने पूर्वी भारत सूक्ष्म-वित्त सम्मेलन के मौके पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सिडबी ने 1995-96 से एमएफआई को समर्थन देना शुरू किया था और इस दौरान एमएफआई क्षेत्र के लिए काफी काम किया है। वित्त वर्ष 2022-23 में एमएफआई का कुल बकाया 5,000 करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष में यह 10,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।’’
इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले वित्त वर्ष के अंत तक यह राशि 40 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि समाज पर सूक्ष्म वित्त संस्थानों के प्रभाव का आकलन करने के लिए सिडबी ने एक अध्ययन शुरू किया है। यह अध्ययन इस बात का पता लगाने के लिए अहम है कि एमएफआई क्या पूरी तरह व्यावसायिक हितों के लिए चलाए जाते हैं या उनका कोई सामाजिक प्रभाव भी होता है।