कर बढऩे से 10-15 प्रतिशत बढ़ सकते हैं शराब के दाम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 7:15 AM IST

महाराष्ट्र सरकार द्वारा सोमवार को पेश किए गए बजट में शराब पर मूल्यवर्धित कर (वैट) बढ़ाने की घोषणा के बाद राज्य में शराब के दाम में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।
एलायड ब्लेंडर्स ऐंड डिस्टिलर्स के कार्यकारी वाइस चेयरमैन दीपक रॉय ने कहा कि वैट बढ़ाने का असर इस हफ्ते दिख सकता है और कारोबारियों को इसके मुताबिक कदम उठाना पड़ सकता है।
उद्योग के अधिकारियों के मुतबिक शराब से प्रतिदिन 700 करोड़ रुपये या 2.5 लाख करोड़ रुपये सालाना कर आता है। राज्य सरकारें समय समय पर शराब पर कर में बदलाव करती हैं, जिससे राजस्व की कमी पूरी की जा सके।
इंटरनैशनल स्पिरिट्स ऐंड वाइन एसोसिएशन आफ इंडिया (आईएसडब्ल्यूएआई) के चेयरमैन अमृत किरण सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल द्वारा शराब पर कर बढ़ाना चिंता का विषय है। इस संगठन में डियाजियो और पर्नोड रिचर्ड जैसी शीर्ष कंपनियां सदस्य हैं।
सिंह ने कहा, ‘पिछले कुछ साल से शराब की बिक्री में गिरावट के बावजूद महाराष्ट्र में कर बढ़ा दिया गया है। पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार ने नए मूल्य ढांचे की पहल की है, जिससे सस्ती और मध्य मूल्य की बेहतरगुणवत्ता की शराब के दाम में अंतर बढ़ गया है। कुल मिलाकर इसका असर शराब के बाजार पर पड़ेगा।’ हालांकि हाल के बजट में कर्नाटक ने शराब पर उत्पाद शुल्क नहीं बढ़ाया है, लेकिन विशेषज्ञों का कनहा है कि सरकार पर कर बढ़ाने को लेकर दबाव है। यही स्थिति दिल्ली में है, जहां जून में लगाया गया 70 प्रतिशत कोविड कर हटा दिया गया है, लेकिन हाल में उत्पाद नीति में बदलाव की बात कही गई थी। वहीं राजस्थान जैसे राज्य लगातार शराब पर कर बढ़ा रहे हैं, जिससे बिक्री में करीब 28 प्रतिशत कमी आई है और जहरीली शराब के मामले बढ़े हैं।
वहीं पंजाब ने उत्पाद शुल्क नहीं बढ़ाया है, बल्कि इसकी जगह बिक्री का कोटा बढ़ा दिया है, जिससे वित्त वर्ष 22 में 7000 करोड़ रुपये राजस्व आने की संभावना है। कॉन्फेडरेशन आफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरिज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे कर बढ़ाने के अपने फैसले पर फिर से विचार करें, जिससे बाजार की वृद्धि दर पर बुरा असर न पड़े। फिल हाल ऐसा नहीं लगता कि राज्य सरकारें ऐसा करेंगे।

First Published : March 10, 2021 | 12:30 AM IST