एएआई की जमीन के वाणिज्यिक इस्तेमाल पर हट सकती है रोक

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 11:42 PM IST

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की जमीन के वाणिज्यिक इस्तेमाल की संभावना बढ़ाने के लिए कानूनी संशोधन पर विचार कर रही है। इस मामले से जुड़े व्यक्ति ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया ऐक्ट, 1994 में संशोधन के लिए अतरमंत्रालयी विमर्श शुरू किया है। इसके बाद सरकार एक विधेयक पेश करेगी।
इससे एएआई को करीब 55,000 हेक्टेयर जमीन के वाणिज्यिक इस्तेमाल की ज्यादा स्वतंत्रता मिलेगी, साथ ही इस कदम से छोटे व कस्बाई इलाकों में स्थित हवाईअड्डों के निजीकरण की संभावना बढ़ेगी।
इस अधिनियम में एएआई को हवाईअड्डों के निकट होटल, रेस्टोरेंट और रेस्टरूम बनाने व उसके रखरखाव,  वेयरहाउस व कार्गो कॉम्प्लेक्स बनाने की अनुमति है। लेकिन इसमें यह नहीं कहा गया है कि जमीन का इस्तेमाल शॉपिंग सेंटर, कॉन्फ्रेंस सेंटर, वाणिज्यिक कार्यालय, वाणिज्यिक या बहुद्देश्यीय इस्तेमाल के परिसर और ट्रेनिंग सेंटर बनाने में किया जा सकता है।
प्रस्तावित संशोधन से एएआई के कार्यों को विस्तार मिलेगा, जिसमें वह जमीन का इस्तेमाल कर सकेगी। ये जमीनें अधिकतर देश के प्रमुख शहरी इलाकों में हैं।
सूत्रों ने कहा कि संशोधन के तहत सरकार जमीन के इस्तेमाल का वर्गीकरण नहीं करना चाहती है। मंत्रालय चाहता है कि खतरनाक और प्रदूषण वाली गतिविधियों को छोड़कर सभी गतिविधियों की अनुमति हो।
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘जमीन के इस्तेमाल पर सीमाएं खत्म किए जाने से एएआई को वित्तीय स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी, जो महामारी से बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है।’
सरकारी हवाईअड्डा ऑपरेटर को कुल मिलाकर वित्त वर्ष 21 में 2,948.97 करोड़ रुपये नुकसान हुआ है और  एएआई बनने के बाद पहली बार इसकी वित्तीय स्थिति इतनी खराब हुई है। कुल 136 हवलाईअड्डे परिचालन में हैं, जिनमें 107 घाटे में चल रहे हैं।
दूसरे, अगर जमीन के इस्तेमाल में लचीलापन होता है तो छोटे हवाईअड्डों में निजी क्षेत्र की ओर से निवेश को लेकर रुचि बढ़ेगी। इनमें से तमाम में सीमित उड्डयन गतिविधियां होती हैं। अधिकारी ने कहा, ‘गैर उड्डयन गतिविधियों की संभावना बढ़ाने से इन हवाईअड्डों का मूल्य बढ़ेगा।’

First Published : November 8, 2021 | 12:08 AM IST