भूमि मुद्रीकरण के लिए कंपनी बनाने को मंजूरी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:50 PM IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज सरकारी विभागों के भवनों और सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) की अतिरिक्त जमीन के मुद्रीकरण तथा देखरेख के लिए नई कंपनी के सृजन को मंजूरी दे दी है, जिन्हें या तो बेचा जा रहा है या जो बंद होने के कगार पर हैं।
विशेष उद्देश्य इकाई को राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (एनएलएमसी) कहा जाएगा। यह पूरी तरह से सरकारी मालिकाना वाली कंपनी होगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इसे 5,000 करोड़ रुपये की शुरुआती अधिकृत शेयर पूंजी और 150 करोड़ रुपये की चुकता शेयर पूंजी के साथ स्थापित किया जाएगा।
 इसमें कहा गया है, ‘एनएलएमसी सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों (सीपीएसई) तथा अन्य सरकारी एजेंसियों की अधिशेष भूमि और इमारत-भवन जैसी संपत्तियों को बाजार में चढ़ाने का काम करेगी। गैर-प्रमुख संपत्तियों के मुद्रीकरण के साथ निगम ऐसी संपत्तियों को भी बाजार में चढ़ाएगा जिनका या तो इस्तेमाल नहीं हो रहा या समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके जरिए उल्लेखनीय राजस्व जुटाया जाएगा।’
सरकार ने हाल के महीनों में कहा है कि संपत्ति मुद्रीकरण का मतलब सिर्फ राजस्व सृजन नहीं है, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को गति देना भी है क्योंकि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था महामारी से उभर रही है।
बयान में कहा गया है, ‘वर्तमान में सीपीएसई के पास भूमि और इमारतों के रूप में काफी सारी अधिशेष, उपयोग में नहीं आ रही या कम उपयोग में ली जा रही गैर-प्रमुख संपत्तियां हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों का रणनीतिक विनिवेश हो रहा है या ए बंद हो रहे हैं। ऐसे में सही मूल्यांकन के लिए उनकी अधिशेष भूमि या गैर-प्रमुख संपत्तियों का मुद्रीकरण अहम है। एनएलएमसी इन संपत्तियों का मुद्रीकरण करेगी और इसमें मदद देगी।’ इससे इन कम उपयोग वाली संपत्तियों का उत्पादक उपयोग हो पाएगा और निजी क्षेत्र से निवेश आने के साथ नई आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और आर्थिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय संसाधनों का सृजन होगा।
एनएलएमसी सरकारी विभागों और पीएसयू की अतिरिक्त संपत्तियों का अधिग्रहण करेगी। इसे इन संपत्तियों का मालिकाना, प्रबंधन और मुद्रीकरण का अधिकार होगा। बहरहाल बयान में अतिरिक्त जमीन और भवनों को एनएलएमसी को दिए जाने की शर्तों का ब्योरा नहीं है।

First Published : March 9, 2022 | 11:39 PM IST