विमानन कारोबार के लिए इस साल मई का महीना बहुत खराब रहा था क्योंकि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण यात्रियों की संख्या एकदम गिर गई। मगर अब उद्योग के लिए अच्छी खबर है क्योंकि प्रमुख विमानन कंपनियों के मुताबिक देश भर में दैनिक हवाई यात्रियों की कुल संख्या दोगुनी हो गई है। मई में रोजाना महज 40-42 हजार यात्री हवाई सफर कर रहे थे मगर जून के पहले हफ्ते में औसत संख्या 82,000 प्रतिदिन रही। यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी इसलिए हुई है क्योंकि राज्यों ने संक्रमण के आंकड़ों और संक्रमण दर में गिरावट आने से लॉकडाउन की बंदिशें हटाना शुरू कर दिया है।
क्षमता और यात्रियों की संख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों की तादाद में जून के शुरुआती कुछ दिनों में इजाफा हुआ है। इस हवाई अड्डे पर यात्रियों की दैनिक संख्या 30,000 पर पहुंच गई है, जो मई के पूरे महीने में करीब 18,000 प्रतिदिन से 66 फीसदी अधिक है।
कई विमानन कंपनियों, हवाई अड्डों और यात्रा एजेंसियों का मानना है कि पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर के बाद हवाई यात्रियों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ेगी। पिछले साल पहली लहर के बाद मई में फिर उड़ानें शुरू करने की मंजूरी दी गई थी।
स्टिक ट्रैवल्स के संस्थापक चेयरमैन और विभिन्न शीर्ष यात्रा एïवं आतिथ्य संगठनों के वरिष्ठ सदस्य सुभाष गोयल ने कहा, ‘हम सतर्क हैं मगर हमें उम्मीद है कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ेगी क्योंकि लोग यात्रा करना चाहते हैं। हमारा अनुमान है कि यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी पहली लहर के बाद की तुलना में तेज रहेगी। लेकिन हमें तीसरी लहर के प्रति ज्यादा सजग रहने की जरूरत है।’
विमानन कंपनियों की इस बारे में राय अलग-अलग है कि कितनी जल्दी सुधार आएगा। एक किफायती विमानन कंपनी के सीईओ ने कहा, ‘ग्राहक उड़ान भरना चाहते हैं, विमानन कंपनियां एवं हवाई अड्डे तैयार है और तीसरी लहर आने में भी कम से कम तीन महीने का समय है। अब भारत की तैयारी भी बेहतर है। हमारा अनुमान है कि जून के दूसरे सप्ताह तक कुल आंकड़ा प्रतिदिन डेढ़ लाख यात्रियों तक पहुंच जाएगा।’
एक प्रमुख भारतीय विमानन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी की अलग राय है। वह कहते हैं, ‘हां, जून के पहले सप्ताह में बढ़ोतरी हुई है। इसकी सीधी सी वजह है- यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी सीधे कोविड-19 के मामलों में गिरावट से जुड़ी है। देश में मामले एक-तिहाई कम हो गए हैं। लेकिन अगर रुझान बदलता है तो हम फिर से पहले वाली जगह पर ही आ जाएंगे। इसलिए मैं यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी का कोई अनुमान नहीं लगा सकता। हम रोजाना के हालात पर नजर बनाए हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि इस समय विमान बेड़े की क्षमता का उपयोग औसतन औसतन 20 से 25 फीसदी है। ऐसे में पहला कदम यह देखना है कि यह कितनी जल्दी 50 फीसदी पर पहुंच सकता है। सरकार ने 30 जून तक 50 फीसदी क्षमता पर परिचालन की मंजूरी दी है।