एयर इंडिया निजीकरण से दिल्ली हवाई अड्डे की राह आसान

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:16 AM IST

भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डे की परिचालक का मानना है कि एयर इंडिया के निजीकरण के बाद स्लॉटों के बेहतर इस्तेमाल, विदेशी उड़ान अधिकार, और बेहतर अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ दिल्ली हवाई अड्डे को वाणिज्यिक लाभ होगा और उसे महामारी के दबाव से तेजी से उबरने में मदद मिलेगी। दिल्ली एयर इंडिया के लिए सबसे बड़ा हब है और अमेरिका तथा यूरोप के लिए कई लंबी दूरी की उड़ानें यहां से परिचालित होती हैं। दिल्ली हवाई अड्डे ने अपना बेहद अत्याधुनिक टर्मिनल 3 (टी3) खासकर टाटा समूह को देने की योजना बनाई है। मौजूदा समय में, इंडिगो, स्पाइसजेट और गो फस्र्ट जैसी सस्ती सेवा वाली एयरलाइनें टी3 से परिचालन करती हैं, क्योंकि यह हवाई अड्डा पूरी क्षमता के साथ परिचालन में नहीं है।
टाटा समूह ने पिछले सप्ताह एयर इंडिया, अपनी सस्ती सहायक इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस, और ग्राउंड हैंडलिंग फर्म एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की। जहां समूह ने अभी समेकन योजना को अंतिम रूप नहीं दिया है, लेकिन टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शुरू में कहा था कि समूह ने अपने एयरलाइन परिचालन को समेकित करने की योजना बनाई है।
दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट (डीआईएल) के मुख्य कार्याधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘वित्तीय रूप से मजबूत और बेहतर तौर पर प्रबंधित एयर इंडिया हम और हमारे यात्रियों, दोनों के लिए लाभदायक है। यह सौदा एयरपोर्ट स्लॉट और उड़ान अधिकार जैसे उसके संसाधनों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल में सक्षम बनाएगा, जिसके परिणामस्वरूप ज्यादा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और वैश्विक संपर्क में मदद मिलेगी।’ यह हवाई अड्डा टाटा समूह की संपूर्ण सेवा प्रदाता विस्तारा के लिए भी हब है, जबकि एयरएशिया इंडिया इस हवाई अड्डे से दूसरी सर्वाधिक उड़ाने भरने वाली एयरलाइन है।
टाटा समूह की व्यवसाय योजना उसकी एयरलाइनों के समेकन पर केंद्रित है, जिनमें एयर इंडिया को संपूर्ण सेवा एयरलाइन के लिए विस्तारा के साथ विलय करना, एयर इंडिया एक्सप्रेस को बजट सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा के लिए एयरएशिया के साथ जोडऩा मुख्य रूप से शामिल है। जयपुरिया का मानना है कि अपने स्वयं के बड़े बेड़े के साथ एयर इंडिया दिल्ली हवाई अड्डे पर स्लॉट (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, दोनों के लिए) आकर्षित करने में सक्षम है।
उन्होंने कहा, ‘चूंकि किसी भी एयरलाइन के बेड़े में बड़े विमान नहीं हैं, इसलिए एयर इंडिया श्रेष्ठ उड़ान अधिकार और स्लॉट का लाभ उठाने में सक्षम है। जब एयर इंडिया विस्तारा के साथ परिचालन करेगी, स्थानांतरित ट्रैफिक बढ़ जाएगा।’
ट्रैफिक में वृद्घि को ध्यान में रखते हुए हवाई अड्डा यात्रियों के एक टर्मिनल से दूसरे पर आसानी से पहुंचने के लिए सुविधाएं बढ़ा रहा है।

First Published : October 14, 2021 | 11:23 PM IST