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एक लाख पोर्टेबल ऑक्सीजन सांद्रक

Last Updated- December 12, 2022 | 5:23 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (पीएम केयर्स) से एक लाख पोर्टेबल ऑक्सीजन सांद्रक खरीदेगी और देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य केंद्रों में 500 पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉप्र्शन) चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा कि इससे जिला मुख्यालयों और छोटे शहरों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बेहतर होगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि ऑक्सीजन सांद्रक और पीएसए संयंत्रों से मांग वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की आपूर्ति तेज होगी। यह फैसला प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। बैठक में कोविड-19 प्रबंधन के लिए तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर करने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि इन ऑक्सीजन सांद्रकों को जल्द से जल्द खरीदा जाए और जिन राज्यों में कोविड-19 के मामले सबसे अधिक हैं उन्हें इनकी आपूर्ति की जाए। इससे पहले सरकार पीएम केयर्स फंड से ऐसे ही 713 पीएसए संयंत्रों की स्थापना को मंजूरी दे चुकी है। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘एक लाख पोर्टेबल ऑक्सीजन सांद्रक खरीदे जाएंगे, साथ ही 500 और पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना को पीएम केयर्स कोष से मंजूरी दी गई है। इससे जिला मुख्यालयों और छोटे शहरों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बेहतर होगी।’
इन 500 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा विकसित घरेलू प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और घरेलू निर्माताओं द्वारा की जाएगी। ज्ञात हो कि देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ी है। बयान के मुताबिक इस तरह से अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा से इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। उल्लेखनीय है कि 27 मार्च 2020 को कोविड-19 महामारी जैसी किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य से एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और उससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)’ के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया था।

ऐसा लगता है केंद्र चाहता है लोग मरते रहें: रेमडेसिविर दवा पर दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र चाहता है कि लोग मरते रहें क्योंकि कोविड-19 के उपचार में रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर नए प्रोटोकॉल के मुताबिक केवल ऑक्सजीन पर आश्रित मरीजों को ही यह दवा दी जा सकती है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने केंद्र सरकार से कहा, ‘यह गलत है। ऐसा लगता है दिमाग का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं हुआ है। अब जिनके पास ऑक्सीजन की सुविधा नहीं है उन्हें रेमडेसिविर दवा नहीं मिलेगी। ऐसा प्रतीत होता है कि आप चाहते हैं लोग मरते रहें।’ उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र ने रेमडेसिविर की कमी की भरपाई के लिए प्रोटोकॉल ही बदल दिया है।
अदालत ने कहा, ‘यह सरासर कुप्रबंधन है।’ अदालत कोविड-19 से संक्रमित एक वकील की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्हें रेमडेसिविर की छह खुराकों में केवल तीन खुराकें ही मिल पाई थी। अदालत के हस्तक्षेप के कारण वकील को मंगलवार (27 अप्रैल) रात बाकी खुराक मिल गई।  भाषा

First Published - April 28, 2021 | 11:38 PM IST

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