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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। यह बैठक यूक्रेन के भविष्य को लेकर अहम मानी जा रही है। यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है, जब ट्रंप ने रूस के उस प्रस्ताव का समर्थन करने के संकेत दिए हैं जिसमें शांति समझौते के तहत कीव को क्रीमिया और डोनबास के कुछ हिस्से छोड़ने होंगे। इस बैठक में प्रमुख यूरोपीय नेता भी शामिल होंगे, ताकि वे वार्ता प्रक्रिया में हाशिए पर न चले जाएं।
व्हाइट हाउस शेड्यूल के अनुसार सोमवार, 18 अगस्त को वाशिंगटन में अमेरिका-यूक्रेन वार्ता होगी।
1:00 pm (10:30 pm IST): ट्रंप व्हाइट हाउस में जेलेंस्की का स्वागत करेंगे।
1:15 pm: ओवल ऑफिस में द्विपक्षीय बैठक।
2:15 pm (11:45 pm IST): स्टेट डाइनिंग रूम में ट्रंप यूरोपीय नेताओं का स्वागत करेंगे।
3:00 pm (12:30 am IST, 19 अगस्त): ईस्ट रूम में यूरोपीय नेताओं के साथ बहुपक्षीय बैठक।
जेलेंस्की ने किसी भी ऐसे समझौते को खारिज किया है जिसमें क्षेत्र छोड़ने की शर्त शामिल हो। उनका कहना है कि ऐसा करना रूसी आक्रामकता को जायज ठहराने जैसा होगा।
कोई क्षेत्रीय समझौता नहीं: क्रीमिया, डोनबास और सभी कब्जे वाले इलाके यूक्रेन का हिस्सा हैं।
वास्तविक सुरक्षा गारंटी: कीव अमेरिका और यूरोपीय देशों से बाध्यकारी प्रतिबद्धताएं चाहता है, सिर्फ वादे नहीं जैसे 1994 का बुडापेस्ट ज्ञापन।
मानवीय प्राथमिकताएं: युद्धबंदियों और अगवा किए गए बच्चों की रिहाई और रूसी हमलों का अंत।
रूस पर दबाव: ईमानदार बातचीत से इनकार करने पर रूस पर और कड़े प्रतिबंध।
जेलेंस्की ने बैठक से पहले X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा— “यूक्रेनी अपनी भूमि और अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं।”
रूस ने यूक्रेन से नाटो सदस्यता छोड़ने और तटस्थ बने रहने की औपचारिक मांग की है। साथ ही क्रीमिया समेत कब्जाए गए क्षेत्रों की अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मांगी है।
शुक्रवार को ट्रंप ने अलास्का स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इसमें ट्रंप ने पुतिन की इस मांग को स्वीकार किया कि युद्धविराम को छोड़कर सीधे शांति समझौते पर जाएं। इस प्रस्ताव के तहत यूक्रेन को डोनबास छोड़ना होगा, यहां तक कि वे हिस्से भी जो वर्तमान में रूस के कब्जे में नहीं हैं।
ट्रंप ने Truth Social पर लिखा, “यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अगर चाहें तो तुरंत युद्ध खत्म कर सकते हैं… क्रीमिया अब वापस नहीं मिलेगा और यूक्रेन नाटो में नहीं जाएगा। कुछ बातें कभी नहीं बदलतीं।”
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन अधिकारियों ने एक खुलासा किया कि ट्रंप ने सुरक्षा गारंटी देने का विचार रखा है। इस प्रस्ताव के तहत पश्चिमी सहयोगी, पहली बार अमेरिका समेत, यूक्रेन की रक्षा की गारंटी देंगे। शनिवार को ट्रंप ने जेलेंस्की को फोन पर यह बात बताई। इससे कीव को संभावित सुरक्षा कवच मिल सकता है, भले ही क्षेत्रीय रियायतें देनी पड़ें।
यूरोपीय नेताओं ने पुतिन को दी गई ट्रंप की रियायतों पर असहजता जताई, लेकिन यह भी कहा कि सबसे बुरा परिदृश्य टल गया है। ट्रंप ने यूरोप की सैन्य मदद पर रोक नहीं लगाई और न ही रूस को किसी इलाके का हस्तांतरण पक्का किया।
हालांकि, जनवरी से पद संभालने के बाद ट्रंप कई बार पुतिन से बात करने के बाद यूक्रेन को लेकर अपना रुख बदलते रहे हैं। इससे यूक्रेन और यूरोप दोनों में अनिश्चितता बनी हुई है।
जेलेंस्की और ट्रंप की बैठक में कई यूरोपीय नेता भी शामिल होंगे। इनमें शामिल हैं: