facebookmetapixel
DPDP के नए नियमों से बढ़ी ‘कंसेंट मैनेजर्स’ की मांगसरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगेबिहार में नीतीश–मोदी फैक्टर की धमक: भाजपा की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा की राह में अब नहीं कोई बाधाबिहार चुनाव 2025: जदयू और भाजपा ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी, AIMIM को झटकाNDA के वादे और वित्तीय सीमाएं: ‘विकसित बिहार’ का सपना कितना संभव?

अमेरिका आने के इच्छुक लोगों के लिए भारत में visa interview की प्रतीक्षा अवधि 60 फीसदी कम हुई

Last Updated- March 29, 2023 | 12:05 PM IST

अमेरिका में प्रभावशाली सांसदों के एक समूह ने सीनेट में एच-1बी और एल-1 वीजा कार्यक्रमों में व्यापक बदलाव लाने और विदेशी कर्मचारियों की भर्ती में अधिक पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से एक द्विदलीय कानून पेश किया है।

एच-1बी वीजा अमेरिकी कंपनियों को विशेषकर तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले पेशे में विदेशी कर्मचारियों को रखने की अनुमति देता है। प्रौद्योगिकी कंपनियां इसके लिए हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों को भर्ती करती हैं। एल-1 वीजा भी एक प्रकार का ‘वर्क वीजा’ है जो देश में काम करने की इच्छा रखने वाले पेशेवरों को जारी किया जाता है।

एच-1बी वीजा उस व्यक्ति को जारी किया जाता है जो किसी अमेरिकी कंपनी से जुड़ना चाहते हैं, जबकि इसके विपरीत एल-1 वीजा उन लोगों को जारी किया जाता है जो पहले से ही किसी दूसरे देश में कंपनी द्वारा नियोजित हैं और जो केवल एक अमेरिकी कार्यालय में स्थानांतरित हो रहे हैं। दो प्रभावशाली सांसदों डिक डर्बिन और चक ग्रासली ने इस कानून को अमेरिकी सीनेट में पेश किया है। वहीं, सांसद टॉमी ट्यूबरविल, बर्नी सैंडर्स, शेरोड ब्राउन और रिचर्ड ब्लूमेंथल ने इसे समर्थन दिया है।

मंगलवार को एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया कि एच-1बी और एल-1 वीजा सुधार अधिनियम से आव्रजन प्रणाली में धोखाधड़ी और दुरुपयोग कम होगा, अमेरिकी श्रमिकों और वीजा धारकों को सुरक्षा मिलेगी और विदेशी कर्मचारियों की भर्ती में अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता होगी।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि विधेयक में एल-1 और एच-1बी कर्मचारियों को काम पर रखने, नए वेतन, भर्ती एवं सत्यापन आवश्यकताओं के बारे में बताने और एच-1बी कर्मचारियों को नियुक्त करने के इच्छुक नियोक्ताओं को इन नौकरियों के बारे में जानकारी श्रम विभाग (डीओएल) की वेबसाइट पर पोस्ट करने का प्रस्ताव दिया गया है। विधेयक में एल-1 कार्यक्रम में सुधार की मांग की गई है और विदेशी सहयोगियों को सत्यापित करने में विदेश विभाग से सहयोग को अनिवार्य करना प्रस्तावित है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी कंपनियों में हाल में कई गई छंटनी के कारण अमेरिका में भारतीयों सहित हजारों उच्च कुशल विदेशी मूल के श्रमिकों ने अपनी नौकरी खो दी है।

‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार, पिछले साल नवंबर से अब तक लगभग 2,00,000 आईटी कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उनमें से 30 से 40 प्रतिशत भारतीय आईटी पेशेवर हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में एच-1बी और एल1 वीजा धारक हैं।

First Published - March 29, 2023 | 12:05 PM IST

संबंधित पोस्ट