अमेरिका ने 27 अगस्त 2025 से भारत से आयात किए जाने वाले वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लागू करने की घोषणा की है, जिससे कुल शुल्क अब 50% तक पहुंच जाएगा। इस फैसले का सीधा असर $48.2 बिलियन (लगभग ₹4 लाख करोड़) के भारतीय निर्यात पर पड़ेगा। अमेरिका की इस कार्रवाई को रूस से कच्चा तेल और सैन्य उपकरण खरीदने को लेकर भारत पर लगाए गए दंड के रूप में देखा जा रहा है।
इसके अलावा, जो भारतीय माल 27 अगस्त से पहले शिपमेंट में होगा और 17 सितंबर तक अमेरिका में क्लीयर हो जाएगा, उसे इस अतिरिक्त 25% शुल्क से छूट मिलेगी (विशेष कस्टम कोड की घोषणा करनी होगी)।
नए टैरिफ का सबसे ज्यादा असर श्रम-प्रधान और निर्यात-आधारित उद्योगों पर पड़ेगा, जिनमें शामिल हैं:
कुछ प्रमुख सेक्टर्स को टैरिफ से बाहर रखा गया है:
भारतीय वस्तुओं पर 50% शुल्क लगने के बाद, अन्य एशियाई देशों की स्थिति अमेरिका में और मजबूत हो जाएगी:
देश | अमेरिकी टैरिफ |
म्यांमार | 40% |
थाईलैंड, कंबोडिया | 36% |
बांग्लादेश | 35% |
इंडोनेशिया | 32% |
चीन, श्रीलंका | 30% |
मलेशिया | 25% |
फिलीपींस, वियतनाम | 20% |
AEPC के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि “भारत के परिधान निर्यातकों के लिए अमेरिकी बाजार लगभग बंद हो गया है।” GTRI (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) के अनुसार, कुल 66% भारतीय निर्यात (लगभग ₹5 लाख करोड़) पर 50% टैरिफ लगेगा।
FIEO अध्यक्ष एस.सी. रल्हान ने चेतावनी दी है कि यह कदम भारत के सबसे बड़े निर्यात बाजार में व्यापार के प्रवाह को बाधित करेगा। रत्न एवं आभूषण निर्यातकों ने आशंका जताई कि मुंबई और सूरत में भारी मात्रा में नौकरियां खतरे में हैं। फुटवियर सेक्टर के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनियों को काम बंद करने और स्टाफ में कटौती करनी पड़ सकती है।
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भारत सरकार ने 6 अगस्त को इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक” करार दिया था। निर्यातकों ने सरकार से नई निर्यात रणनीति, ब्याज में सब्सिडी, जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया में तेजी, और विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) कानून में सुधार की मांग की है।
अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ से भारत के कपड़ा, आभूषण, मत्स्य पालन, और हस्तशिल्प जैसे प्रमुख उद्योगों को गंभीर झटका लगेगा। यह फैसला नौकरियों, बाजार हिस्सेदारी और विदेशी मुद्रा अर्जन को प्रभावित कर सकता है। अब निगाहें भारत सरकार की रणनीतिक प्रतिक्रिया और भारत-अमेरिका संभावित व्यापार समझौते (BTA) पर टिकी हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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