प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 2 से 9 जुलाई तक पांच देशों की विदेश यात्रा के दौरान ब्राजील में ब्रिक्स शिखर बैठक में शामिल होंगे। इसके अलावा वह घाना, त्रिनिडाड और टोबैगो, अर्जेंटीना और नामीबिया की यात्रा पर भी रहेंगे। प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना यात्रा को भारत के लिए महत्त्वपूर्ण खनिजों के आयात के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक अर्जेंटीना, चिली और बोलिविया के साथ लीथियम त्रिकोण का हिस्सा है और भारत इन तीनों देशों से इस विषय में बातचीत कर रहा है। अधिकारी ने यह भी कहा कि भारत पेरु और बोलीविया से भी ऐसे खनन क्षेत्रों को लेकर बात कर रहा है ताकि लीथियम, मोलिब्डेनम और अन्य अहम खनिजों का उत्खनन किया जा सके। ये खनिज भारत के पर्यावरण अनुकूल बदलाव तथा उन्नत विनिर्माण के लिए आवश्यक हैं। अर्जेंटीना के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस और चौथा सबसे बड़ा शेल तेल भंडार है। वहां पारंपरिक तेल एवं गैस स्रोत भी पर्याप्त संख्या में हैं। वह भविष्य में भारत का संभावित ऊर्जा साझेदार बन सकता है।
अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री की नामीबिया और घाना की यात्रा और ब्रिक्स शिखर बैठक में उनकी मुलाकातें अन्य देशों के साथ साझेदारी करके अहम खनिज हासिल करने को लेकर द्विपक्षीय समझ कायम करने के तरीकों पर केंद्रित रह सकती हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने इस दिशा में खासी तरक्की की है और अर्जेंटीना तथा अफ्रीका ऐसे खनिजों के भंडार हैं तथा भारत को अफ्रीकी संसाधन अपने पाले में करने के लिए कोशिश करनी होगी। अधिकारियों के मुताबिक घाना और नामीबिया की प्रधानमंत्री की यात्रा इस लिहाज से अहम है।
प्रधानमंत्री ब्राजील की राजधानी ब्राजीलिया में राष्ट्रपति लुइ इनासियो लूला डा सिल्वा से मुलाकात करेंगे। उम्मीद है कि दोनों नेता द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत और विविधतापूर्ण बनाने के रास्तों पर विचार करेंगे। इसमें भारत-एमईआरसीओएसयूआर का विस्तार शामिल है। एक जुलाई 2025 से इसकी अध्यक्षता ब्राजील के पास होगी।
दरअसल, ब्राजील की राजधानी रियो डी जनेरियो में 6 और 7 जुलाई को आयोजित होने जा रही सालाना ब्रिक्स शिखर बैठक में राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार निपटान के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को दी। अगले वर्ष भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा।
व्यापार निपटान को राष्ट्रीय मुद्राओं में संपन्न करने को लेकर प्रस्तावित चर्चा के बारे में विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक मामलों के) दम्मू रवि ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘दुनिया के गरीब मुल्क भी विकल्पों की तलाश में हैं। यह डॉलर से दूरी बनाने का मुद्दा नहीं है। विभिन्न देश राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार निपटान नहीं कर रहे। ऐसा काफी समय से हो रहा है।’
रवि ने कहा कि ब्रिक्स इस बारे में समझ बना रहा है कि व्यापार और परियोजनाओं को राष्ट्रीय मुद्राओं में करने के लिए वैकल्पिक प्रणाली कितनी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है और उन्हें यकीन है कि आने वाले दिनों में यह जोर पकड़ेगी।
रवि ने कहा कि ब्रिक्स नेताओं का घोषणापत्र पहलगाम आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करेगा और भारत की अपेक्षाओं के अनुरूप ही आतंकवाद से एकजुट होकर निपटने के ठोस रुख का आह्वान करेगा। रवि ने कहा, ‘इस बात को लेकर भी एक व्यापक समझ है कि आतंकवाद से कैसे निपटा जाए और इससे निपटने के क्रम में किसी को बख्शा न जाए। मुझे लगता है कि इसे अच्छी तरह शामिल किया गया।’
ब्रिक्स घोषणा में ईरान-इजरायल विवाद का भी जिक्र आने की उम्मीद है। रवि ने कहा कि ब्रिक्स शिखर बैठक में चार ठोस ‘उपलब्धियों’ की उम्मीद है। इनमें वैश्विक शासन और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, जलवायु वित्त पर घोषणापत्र और सामाजिक रूप से निर्धारित बीमारियों के उन्मूलन में साझेदारी जरूरी है।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन द्वारा शिखर बैठक में शामिल न होने के बारे में पूछे जाने पर रवि ने कहा कि भारत के लिए यह एक अहम मंच होगा और वह दुनिया के गरीब देशों के हितों को आगे बढ़ाना जारी रखेगा।
प्रधानमंत्री के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी 30 जून से 5 जुलाई तक स्पेन और पुर्तगाल की अपनी छह दिवसीय आधिकारिक यात्रा के तहत ब्राजील जाएंगी। वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, वे संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित विकास के लिए वित्तपोषण पर चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन यानी एफएफडी4 में भारत की ओर से एक वक्तव्य देंगी।
वह जर्मनी, पेरु और न्यूजीलैंड के वरिष्ठ मंत्रियों के अलावा यूरोपीय निवेश बैंक के प्रेसिडेंट से भी मुलाकात करेंगी। वह स्पेन में ‘एफएफडी 4 के नतीजों से क्रियान्वयन: टिकाऊ विकास के लिए निजी पूंजी की संभावनाओं का इस्तेमाल’ विषय पर एक वक्तव्य देंगे।
सीतारमण रियो डी जनेरियो में न्यू डेवलपमेंट बैंक की 10वीं वार्षिक बैठक को भी संबोधित करेंगी और ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में भी शामिल होंगे। वह ‘दुनिया के गरीब देशों के लिए बहुपक्षीय विकास बैंक का निर्माण’ विषय पर भी एक व्याख्यान देंगी और ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया और रूस के वित्त मंत्रियों के साथ भी चर्चा करेंगी।