अंतरराष्ट्रीय

रूस के प्रोसेस्ड पेट्रोलियम के निर्यात पर प्रतिबंध का भारत पर असर नहीं

लंदन के कमोटिडी डेटा एनालिटिक्स प्रोवाइडर वोर्टेक्सा के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर तक रूस लगातार 15 महीने तक सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- February 27, 2024 | 10:43 PM IST

रूस द्वारा प्रसंस्कृत पेट्रोलियम के निर्यात पर 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगाए जाने का भारत पर असर नहीं पड़ेगा। रिफाइनरी से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि इस प्रतिबंध का विस्तार कच्चे तेल तक होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस के अधिकारियों ने दिसंबर में हुई बातचीत में इसकी पुष्टि की थी।

रूस की मीडिया ने मंगलवार को खबर दी थी कि रूस ने 1 मार्च से अगले 6 महीने तक के लिए प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिससे घरेलू मांग पूरी की जा सके।

एक अधिकारी ने कहा, ‘ताजा प्रतिबंध प्रसंस्कृत पेट्रोलियम को लेकर है, जो हम पर असर नहीं डालेगा। हालांकि ज्यादा अहम यह है कि इन प्रतिबंधों का विस्तार कच्चे तेल तक होने की संभावना नहीं है। दिसंबर में रूस के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में हमें ऐसे संकेत मिले थे।’

पिछले साल रूस ने सितंबर से नवंबर के बीच पेट्रोल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे कि कमी की पूर्ति करके बढ़ते घरेलू दाम पर लगाम लगाया जा सके। इसके साथ ही रूस के प्रतिबंध का असर यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन, मंगोलिया, उजबेकिस्तान और जॉर्जिया के रूस समर्थित इलाकों दक्षिण ओसेशिया और अब्खाजिया पर नहीं होगा।

लंदन के कमोटिडी डेटा एनालिटिक्स प्रोवाइडर वोर्टेक्सा के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर तक रूस लगातार 15 महीने तक सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।

First Published : February 27, 2024 | 10:43 PM IST