facebookmetapixel
चार्ट्स दे रहे ब्रेकआउट सिग्नल! ये 5 Midcap Stocks बना सकते हैं 22% तक का प्रॉफिट₹60 के स्मॉलकैप Metal Stock पर मिल सकता है 80% रिटर्न, ब्रोकरेज बोले – खरीदों; एंट्री का सही वक्तरूस से तेल सप्लाई रुकी तो क्या फिर बढ़ेंगे दाम? एक्सपर्ट बता रहे क्या होगा आगेHAL Q2FY26 results: पीएसयू डिफेंस कंपनी का मुनाफा 10% बढ़कर ₹1,669 करोड़, रेवेन्यू भी 11% बढ़ाAshok Leyland ने Q2 में किया धमाका! ₹9,588 करोड़ का रेवेन्यू, डिविडेंड का दिया तोहफाGemini AI विवाद में घिरा गूगल! यूजर्स की प्राइवेसी लीक करने के आरोपPM Kisan Scheme: कब तक आएगी पीएम किसान की 21वीं किस्त? जानें क्यों हो रही देरीAI शेयरों की कीमतें आसमान पर, अब निवेशकों के लिए भारत बन रहा है ‘सेफ हेवन’! जानिए वजहDelhi Pollution: दिल्ली बनी गैस चेंबर! AQI 425 पार, कंपनियों ने कहा – ‘घर से ही काम करो!’Tata का Power Stock देगा मोटा मुनाफा! मोतीलाल ओसवाल का BUY रेटिंग के साथ ₹500 का टारगेट

रूस-यूक्रेन युद्ध: यूरोप से घटे निर्यात ऑर्डर

Last Updated- December 11, 2022 | 8:55 PM IST

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से अनिश्चितता बढ़ रही है। ऐसे में निर्यातकों के पास यूरोप से आने वाले निर्यात ऑर्डर घटने लगे हैं। यह रुझान पिछले एक सप्ताह के दौरान परिधान एवं इंजीनियरिंग उत्पादों में पहले ही नजर आने लगा है। यही रुझान जारी रहा तो आगामी महीनों में कुल निर्यात मांग पर असर पड़ सकता है क्योंकि भारत के लिए यूरोप सबसे बड़ा राष्ट्रीय निर्यात बाजार है।
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन नरेंद्र गोयनका ने कहा कि परिधानों का यूक्रेन और रूस को निर्यात बहुत ज्यादा नहीं होता है, लेकिन युद्ध का यूरोप से आने वाले ऑर्डरों पर भी असर पड़ रहा है।
गोयनका ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘यूरोप की कंपनियां उस तरह से ऑर्डर नहीं दे रही हैं, जिस तरह वे युद्ध नहीं होने पर देतीं। इसलिए पिछले सप्ताह से ऑर्डर देने की रफ्तार सुस्त पड़ी है। हमें देखना होगा कि वे ऑर्डर देने में कितनी देरी करते हैं।Ó गोयनका ने कहा, ‘इस समय रूस के साथ हमारा जो कारोबार है, उसका भुगतान फंसा हुआ है। हमें देखना होगा कि आगे कैसी स्थितियां रहती हैं और सब कुछ ठीक होता है ताकि हम फिर से यूरोपीय ऑर्डर हासिल कर सकें। इस समय वे सतर्क हैं। अगर युद्ध लंबा खिंचता है और यूरोपीय देशों में फैलता है तो मुश्किलें पैदा होंगी और ऑर्डरों पर असर पड़ेगा।’
एक कपड़ा निर्यातक ने कहा कि यूरोपीय खरीदार गर्मियों के सीजन के लिए नए ऑर्डर टाल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारतीय कपड़ा निर्यातकों के लिए चीन से इतर गर्मी मुख्य सीजन है, जो गर्मी और सर्दी दोनों सीजन के कपड़ों का उत्पादन करता है। इसलिए अगर ऑर्डर रद्द हुए तो हम ज्यादा प्रभावित होंगे।’ इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात से जुड़े उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि खास तौर पर पूर्वी यूरोप से ऑर्डरों में मंदी आई है। शायद असर तत्काल नहीं दिखे मगर किसी भी निर्यातक के लिए वित्त वर्ष के आखिरी दो महीने बहुत अहम होते हैं क्योंकि इस अवधि को निर्यात के लिए सबसे तगड़ा सीजन माना जाता है। अधिकारी ने नाम प्रकाशित नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘इस अवधि में किसी तरह की अनिश्चितता शायद निर्यातकों के लिए ठीक नहीं रहे।’
रूस और यक्रेन के बीच युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। इससे वित्तीय बाजार लडख़ड़ा रहे हैं और वैश्विक आपूर्ति शृंखला प्रभावित हो रही है। इस युद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी कुछ असर पड़ सकता है। लेकिन जहां तक कारोबार का सवाल है, भारत का इन दोनों देशों के साथ कारोबार बहुत अधिक नहीं है।

First Published - March 5, 2022 | 10:05 PM IST

संबंधित पोस्ट