भारतीय पर्यटकों अपनी ओर खींचने की कोशिश में लगा रूस

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 3:38 PM IST

कोविड के बाद से लगातार चुनौतियों से जूझ रहा पर्यटन उद्योग अब पटरी पर आने लगा है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रयास पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाई पर जाने के संकेत भी दे रहे हैं। देश में विदेशी पर्यटकों को लाने के प्रयास किये जा रहे हैं तो विदेशों में भारतीय पर्यटकों को अपनी ओर खींचने की भी कोशिश हो रही है। ताजा रुझानों से लग रहा है कि रूस पर्यटन क्षेत्र में भी भारत का सबसे बड़ा सहयोगी साबित होने वाला है। 
कोविड महामारी और रूस यूक्रेन युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटकों की दिशा को बदलना शुरू कर दिया है। अमेरिका और यूरोपीय देशों के प्रतिबंधों की वजह से रूस भारतीय पर्यटकों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश करने में लगा है। मुंबई के जियो वर्ल्ड कॉन्वेंशन सेन्टर में चल रहे ओटीएम इंटरनैशनल ट्रैवल ट्रेड शो में पहली बार रूस का एक शिष्टमंडल इसमें शामिल हुआ है। जिसमें रूस के प्रमुख चार शहरों के 40 लोग और होटल के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। ये लोग यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि पर्यटन के लिहाज से रूस बेहतरीन देश है। जो यूक्रेन के साथ युद्ध चल रहा है उसका असर सीमावर्ती इलाकों में है, रूस के बाकी शहर सुरक्षित हैं। यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस ने हाल ही में अपने देश के नागरिकों के लिए एक नई एडवाइजरी जारी करके कहा कि जंग के बीच यूरोपीय देशों में जाने से बचें। इसके साथ ही भारत और यूएई में यात्रा के लिए जाने को कहा है।

भारतीय पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए रूसी अधिकारियों ने कहा कि इसके पहले भारत से रूस की यात्रा करने वाले लोगों को जो टूरिस्ट पैकेज दिया जाता था उसको करीब 20 फीसदी सस्ता कर दिया गया है। इसके अलावा वीजा के नियमों को आसान बनाया गया है। भारत रूस के रिश्ते भरोसे के हैं। इसलिए भारतीय सैलानी रूस में बेखौफ होकर अपने सैर सपाटे का पूरा मजा ले सकते हैं। इस मौके पर महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने रूसी शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि रूस में हर साल करीब 25 करोड़ सैलानी आते हैं जबकि भारत में रूस से करीब एक करोड़ लोग आते हैं। हम चाहते हैं कि आप हमारे लोगों को रूस ले जाएं, लेकिन अपने लोगों को भी हमारे यहां भेजे। भारत और महाराष्ट्र में पर्यटन के खूबसूरत केंद्र हैं और आतिथ्य भाव भी यहां दूसरे देशों की अपेक्षा ज्यादा है। 
इस ट्रेड शो में रूस, अर्जेन्टीना, मालद्वीप, श्रीलंका, क्यूबा, ऑस्ट्रिया, कतर, उज्बेकिस्तान, वियतनाम इत्यादि देशों के अलावा कई भारतीय राज्यों के होटल, टूर ऑपरेटर्स कंपनियों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इस शो के आयोजक ओटीएम के चेयरमैन संजीव अग्रवाल ने कहा कि हम बहुत तेजी से 2019 वाली स्थिति में लौट रहे हैं।  जल्द ही पर्यटन उद्योग 2019 से बेहतर स्थिति में होगा। भारत में अपार संभावनाएं हैं और भारतीय सबसे बड़े खर्च करने वालों में से एक हैं। आज यूके, यूएसए और अन्य देशों के लिए छह महीने या एक साल की प्रतीक्षा सूची है जो रूस और भारत के लिए भारत-सोवियत संबंधों को मजबूत करने का अवसर है।

रिपोर्टों के मुताबिक, भारत में बिज़नेस ट्रैवल का बाजार 2027 तक 55.2 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने का अनुमान है, और कारोबार संचालन के वैश्वीकरण के चलते 2022-27 के दौरान इसमें 8.1 फीसदी की दर से बढ़ोतरी होगी। ताजा अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में यह तथ्य सामने आया है कि आने वाले तीन महीनों में भारत आने वाले यात्रियों की संख्या में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है।  
रिपोर्ट में फ्लाइट, होटलों और वैवाहिक समारोहों की बुकिंग तथा विभिन्न बाजारों की मांग में आई उछाल को आधार बनाया गया है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार को कोरोना की बूस्टर डोज के मोर्चे पर ताकत से काम करना होगा। साथ ही प्रमुख पर्यटन स्थलों की सुध लेकर वहां की जरूरतों की पूर्ति और साधन-संसाधनों को भी अपग्रेड करना चाहिए। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पहले पांच लाख लोगों का वीजा शुल्क माफ करने की जो पहल की थी, उसका दायरा और बढ़ाना पर्यटन व होटल उद्योग तथा देशहित में भी होगा। लेकिन एहतियात तो बरतनी ही होगी क्योंकि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है।

First Published : September 13, 2022 | 8:52 PM IST