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रूस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर विजय की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर नौ मई को आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। उप विदेश मंत्री आंद्रे रुदेंको ने यह जानकारी दी। रूस को प्रधानमंत्री मोदी के नौ मई की परेड के लिए आने की उम्मीद है।
रूसी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने रुदेंको के हवाले से कहा कि निमंत्रण पहले ही भेजा जा चुका है और यात्रा की योजना बनाई जा रही है। रूस ने इस साल की विजय दिवस परेड में शामिल होने के लिए कई मित्र देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है। जनवरी 1945 में, सोवियत सेना ने जर्मनी के खिलाफ एक आक्रामक अभियान शुरू किया था। नौ मई को ‘कमांडर-इन-चीफ’ ने जर्मनी के बिना शर्त आत्मसमर्पण से जुड़े अधिनियम पर हस्ताक्षर किए, जिसके साथ ही युद्ध समाप्त हो गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2024 में रूस का दौरा किया था, जो लगभग पांच वर्षों में देश की उनकी पहली यात्रा थी। उस दौरान वह 22वें रूस-भारत शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे। इससे पहले उन्होंने 2019 में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था। पिछले अक्टूबर में मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस के शहर कजान का दौरा किया था। पिछली यात्रा के दौरान, मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया था। पुतिन ने पहले ही भारत आने के लिए मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, पुतिन की यात्रा की तारीखों का अभी खुलासा नहीं किया गया है।
जनवरी में भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी को अपने बधाई संदेश में पुतिन ने कहा कि रूस-भारत संबंध ‘‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’’ पर आधारित हैं। पुतिन और मोदी नियमित संपर्क बनाए रखते हैं, हर दो महीने में एक बार टेलीफोन पर बातचीत करते हैं। दोनों नेता खासकर अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के दौरान भी मिलते हैं।
भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन, भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की सबसे उच्च स्तरीय संस्थागत संवाद व्यवस्था है। अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से कुल 22 वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। पिछला शिखर सम्मेलन 8-9 जुलाई, 2024 को मास्को में आयोजित हुआ था। इस शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसका शीर्षक था — “भारत-रूस: स्थायी और विस्तृत साझेदारी”। इसके अतिरिक्त, भारत-रूस आर्थिक सहयोग के रणनीतिक क्षेत्रों के विकास पर 2030 तक की रूपरेखा को लेकर एक अलग संयुक्त बयान भी जारी किया गया। साथ ही, 9 समझौतों/समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस दौरे के दौरान भारत के प्रधानमंत्री को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री के उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।
दोनों देशों के शीर्ष नेता आपसी सहयोग की प्रगति की समीक्षा और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए नियमित रूप से टेलीफोन पर संपर्क में रहते हैं। वर्ष 2024 में चार बार (15 जनवरी, 20 मार्च, 5 जून और 27 अगस्त), 2023 में दो बार (30 जून और 28 अगस्त), और 2022 में पाँच बार टेलीफोन वार्ताएं हुईं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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