भारत को ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्रों के लिए शुक्रवार को पहला निर्यात ऑर्डर मिला। फिलिपींस के रक्षा मंत्रालय ने ब्रह्मोस एरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) के साथ प्रक्षेपास्त्रों की आपूर्ति के वास्ते 37.4 करोड़ डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। हालांकि प्रक्षेपास्त्रों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है। सैन्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारत-रूस का संयुक्त उद्यम ‘बीएपीएल’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का उत्पादन करता है जिसे पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या जमीनी प्लेटफार्म से लॉन्च किया जा सकता है। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि 37.4 करोड़ डॉलर का अनुबंध फिलिपींस की नौसेना को समुद्र तट पर तैनात की जाने वाली ‘ऐंटीशिप’ (पोतरोधी) ब्रह्मोस मिसाइल की आपूर्ति के लिए है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा गया है कि बीएपीएल ने फिलिपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग के साथ 28 जनवरी को पोतरोधी ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। बयान में कहा गया है, ‘बीएपीएल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। भारत सरकार की रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने की नीति के लिए यह अनुबंध एक महत्त्वपूर्ण कदम है।’ भारत पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण कई स्थानों पर बड़ी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइल और अन्य रक्षा उपकरण तैनात कर चुका है। फिलिपींस में भारत के राजदूत शंभू कुमारन ने कहा कि उन्हें इतिहास बनते हुए देखने का सौभाग्य मिला है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘फिलिपींस के रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेंजाना द्वारा ब्रह्मोस अधिग्रहण अनुबंध पर हस्ताक्षर करना आज प्रधानमंत्री के मिशन ‘सागर’ और भारत की हिंद-प्रशांत भागीदारी के लिए एक निर्णायक कदम है।’
