नाइजीरिया के कैबिनेट मंत्रियों के एक पैनल का कहना है कि ऐतिहासिक साझेदार रही भारतीय कंपनियां ऐसे समय में देश में अपने निवेश का विस्तार करें जब भारत में तेज आर्थिक वृद्धि हो रही है।
बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में विदेश मामलों, वित्त, वाणिज्य, दूरसंचार और अन्य मंत्रियों ने कहा कि अफ्रीका के सबसे बड़े बाजार में तेजी से विविधता आ रही है। नाइजीरिया में भारतीय उच्चायोग के अनुसार, ऐसा अनुमान है कि 135 से अधिक भारतीय स्वामित्व वाली और संचालन करने वाली कंपनियां, वहां की सरकार के बाद नाइजीरिया में दूसरी सबसे ज्यादा नौकरियां देती हैं।
नाइजीरिया के वित्त मंत्री, वेल एडन ने कहा कि सरकार ने कई, भ्रामक, अक्षम विदेशी मुद्रा विंडो को हटा दिया है और देश में एक एकल विदेशी मुद्रा बाजार बनाया है ताकि भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाया जा सके। नाइजीरिया के विदेश मंत्री यूसुफ मैतामा तुग्गर ने भारत के मध्यम आकार के औद्योगिक घरानों को नाइजीरिया के बाजार में आने की वकालत करते हुए तर्क दिया कि देश ने राजनीतिक और वित्तीय जोखिम को प्रभावी ढंग से कम कर दिया है जो इस तरह के कारोबारों की मुख्य चिंता है।
नाइजीरिया की उद्योग व्यापार और निवेश मंत्री डोरिस उजोका-अनिटे ने कहा कि नाइजीरिया की विमानन कंपनी एयर पीस ने लागोस-मुंबई उड़ान की शुरुआत की है जिससे भारत अफ्रीकी देश के लिए सीधी उड़ान भरने वाला एकमात्र एशियाई देश बन गया है।
अनुमान है कि भारतीय कंपनियों ने नाइजीरिया में लगभग 19.3 अरब डॉलर का निवेश किया है और ये दवाओं, दूरसंचार, बिजली और प्रसारण, उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माण और खुदरा बिक्री से लेकर निर्माण क्षेत्र और हवाई सेवाओं में सक्रिय हैं।
द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023 में 11.8 अरब डॉलर रहा जो पिछले वर्ष के 14.9 अरब डॉलर से कम है जिसकी वजह नाइजीरिया से कच्चे तेल के आयात का स्तर कम होना है।
नाइजीरिया के दूरसंचार मंत्री बोसुन तिजानी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि नाइजीरिया ऐसे समय में भारतीय प्रौद्योगिकी में दिलचस्पी ले रहा है जब देश सेवाओं के डिजिटलीकरण की कोशिश कर रहा है और दूरसंचार क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के साथ संबंधों को और मजबूत बनाना चाहता है।
तिजानी ने कहा कि नाइजीरिया की सरकार ने इंडिया स्टैक के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इंडिया स्टैक सरकार द्वारा शुरू किए गए एपीआई और डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं जैसे आधार, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), को-विन, डिजीलॉकर, उमंग और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) के लिए एक उपनाम है।