चीन के साथ सीमा पर बनी तनाव की स्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्य देशों से एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की अपील की। कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की पाकिस्तान की कोशिश के संदर्भ में मोदी ने एससीओ के मंच पर द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयासों की आलोचना की। मोदी ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि द्विपक्षीय मुद्दों को एससीओ के एजेंडे में लाने के लिए अनावश्यक प्रयास किए जा रहे हैं जो संगठन के चार्टर और शांघाई भावना का उल्लंघन करते हैं।’
राष्ट्रों के बीच संपर्क को मजबूत करने में भारत की भागीदारी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘भारत का मानना है कि संपर्क बढ़ाने के लिए यह महत्त्वपूर्ण है कि हम एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए आगे बढ़ें।’
आठ सदस्यीय शांघाई सहयोग संगठन के एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में मोदी की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में चीन-भारत सीमा विवाद के साथ ही कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने और भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद में लिप्त होने की पाकिस्तान की कोशिश की पृष्ठभूमि में आई है। मोदी ने यह संदेश चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में दिया जो रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की अध्यक्षता में शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में समग्र बदलाव लाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है और कोविड-19 महामारी की आर्थिक तथा सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व को उसकी व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन की अपेक्षा है।
मोदी ने ‘बहुपक्षीयता में सुधार’ की वकालत करते हुए आज की वैश्विक वास्तविकताओं को दर्शाने वाले और सभी हितधारकों की अपेक्षाओं, समकालीन चुनौतियों तथा मानव कल्याण जैसे विषयों पर चर्चा के लिए बहुपक्षवाद पर जोर दिया और उम्मीद जताई कि इसमें एससीओ के सदस्य राष्ट्रों का पूर्ण समर्थन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि भारत के दवा उद्योग ने कोविड-19 के खिलाफ कोशिश के तहत 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाएं भेजी हैं। मोदी ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए भारत टीके का उत्पादन और वितरण कर पूरी मानवता की मदद करने के लिए करेगा।
आपसी विश्वास बढ़ाकर विवाद निपटाएं: चीन
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को कहा कि शांघाई सहयोग संगठन के सदस्यों को आतंकवादी, अलगाववादी और चरमपंथी ताकतों से मजबूती से निपटते हुए आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए और विवादों और मतभेदों को बातचीत और परामर्श के जरिये सुलझाना चाहिए। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद केप्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए विवादित क्षेत्रों की स्थिति बदलने के लिए किसी भी देश द्वारा ‘अवैध और एकतरफा’ कार्रवाई का विरोध किया। खान ने मुद्दों को सुलझाने और शांति और स्थिरता के लिए माहौल बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू करने का आह्वान किया ।
सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने कहा कोविड से निपटने के लिए दो रूसी टीके ‘प्रभावी’ और ‘सुरक्षित’ हैं और एक-तिहाई पर काम चल रहा है। उन्होंने कोरोनावायरस के मुद्दे का राजनीतिकरण करने के खिलाफ चेतावनी भी दी। एजेंसियां
