भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते के लंबित मुद्दों को हल करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय का दल पहुंच गया। ब्रिटेन गए इस दल का नेतृत्व वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बड़थ्वाल कर रहे हैं। यह लोकसभा चुनाव से पहले इस प्रस्तावित व्यापार समझौते को हल करने का अंतिम प्रयास हो सकता है।
इस मामले के जानकार लोगों के मुताबिक भारत में कभी भी आम चुनाव की घोषणा होने पर चुनावी आचार संहिता लागू हो सकती है। लिहाजा दोनों देश भारत में चुनावी आचार संहिता लागू होने के पहले मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर पहुंचना चाहते हैं। ऐसे दौर में यह चुनाव लंबित मुद्दों को हल करने के लिए खासा अहम हो गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को लंबे समय से लंबित इस समझौते की समीक्षा की थी। इसके कुछ ही दिनों में बड़थ्वाल का दौरा हुआ।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्व में बीते माह भारत का दौरा किया था। इसमें ब्रिटेन के मुख्य आर्थिक सलाहकार डगलस मैकनील भी थे।
यह प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रमुख अधिकारियों, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों से मिला था। इस दौरान प्रस्तावित एफटीए और निवेश संधि पर बातचीत हुई थी।
अगर बातचीत किसी नतीजे पर जल्दी नहीं पहुंचती है तो बातचीत भारत में आम चुनाव के बाद होगी। यह नई सरकार की प्राथमिकताओं पर भी निर्भर करेगी। भारत में आम चुनाव के बाद 2024 के मध्य में ब्रिटेन में चुनाव होने की संभावना है।
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत ढाई साल पहले 13 जनवरी, 2022 को शुरू हुई थी।
इस बातचीत के दौरान कुछ विवादित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। जैसे ब्रिटेन व्हिस्की और बिजली चालित वाहनों सहित वाहन पर कम शुल्क चाहता है। इसके अलावा ब्रिटेन भारत के बाजार में दूरसंचार, कानूनी और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में ज्यादा संभावनाएं तलाश रहा है। जटिल मुद्दों में बौद्धिक संपदा अधिकार और उद्गम के नियमों का चैप्टर भी है।