रूस के तेल क्षेत्र में 3 अरब डॉलर निवेश करेगा भारत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:32 AM IST

रूस की तेल उत्पादक कंपनियों में 2 से 3 अरब डॉलर निवेश के लिए भारत और रूस नए सिरे से बातचीत कर रहे हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि रूस की सरकार ने ओनएनजीसी की विदेश में कारोबार करने वाली इकाई ओएनजीसी विदेश (ओवीएल) को कुछ तेल एवं गैस क्षेत्र देने की पेशकश की है। अगर ओवीएल चाहे तो अपने साथ कुछ साझेदारों को भी इसका हिस्सा बना सकती है।
आर्कटिक क्षेत्र में बहुतायत लेकिन विवादित तेल एवं गैस परियोजनाओं की खोज में भारत के निवेश पर भी चर्चा चल रही है। इस चर्चा की जानकारी रखने वाले तेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘रूस में तेल एवं गैस उत्पादन के लिए दोनों देशों के बीच यह बातचीत चल रही है। परियोजना एवं इसका दायरा अभी तय नहीं हुआ है लेकिन बातचीत शुरू हो चुकी है और रूस की सरकार ने कुछ तेल एवं गैस क्षेत्रों की भी पेशकश की है।’ अधिकारी ने कहा कि यह निवेश कम से कम 2-3 अरब डॉलर मूल्य का होगा।
रूस सरकार नियंत्रित रॉसनेफ्ट ने इस वर्ष फरवरी में कहा था कि वोस्तोक तेल परियोजना में निवेश के लिए भारत और चीन के साथ बातचीत चल रही है। यह रूस की सबसे बड़ी परियोजना मानी जाती है।
वोस्तोक परियोजना रणनीतिक लिहाज से भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इससे ऑर्कटिक नॉर्थ सी के रास्ते एशियाई बाजारों तक इसकी पहुंच आसान हो जाती है। स्वेज नहर से होकर गुजरने वाले मार्ग के मुकाबले यह अपेक्षाकृत छोटा पड़ता है। मार्च में भारत ने रूस की राजधानी मॉस्को में इंडिया एनर्जी ऑफिस खोला था। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि रूस के ऊर्जा क्षेत्र के साथ कारोबार बढ़ाने के लिए यह पहल की गई है।  
इस वर्ष जून में रॉसनेफ्ट ने कहा कि उसने विटोल और मर्केंटाइल ऐंड मैरीटाइम के एक समूह को वोस्तोक ऑयल परियोजना में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी। इससे पहले कंपनी ने ट्रैफिगुरा को 8.5 अबर डॉलर में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी। आर्कटिक क्षेत्र में दूसरी तेल एवं गैस परियोजनाओं के साथ वोस्तोक परियोजना भी पर्यावरण संबंध चिंताओं के कारण विवादों से घिरी है। कहा जा रहा है कि इस परियोजना का कुछ हिस्सा तैमीर प्रायद्वीप में संरक्षित क्षेत्र के तहत आता है। अधिकारियों के अनुसार तेल एवं गैस परियोजनाओं में भारत के निवेश में सुदूर पूर्व के तीन क्षेत्रों याकुटिया, सखालिन क्षेत्र और अमूर क्षेत्र ने दिलचस्पी दिखाई है। दोनों देशों ने पेट्रोरसायन क्षेत्र में सहयोग और सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र के विकास से संबंधित विषयों पर भी बातचीत की है। समझा जा रहा है कि भारत ने सखालिन, याकुटिया, कमचटका, खाबरोवस्क क्षेत्र और अमूर क्षेत्र में गैस क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं का मूल्यांकन किया है।

First Published : July 21, 2021 | 11:32 PM IST