राहत भेजने को तैयार भारत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 3:57 PM IST

 भारत बाढ़ग्रस्त पाकिस्तान को राहत सामग्री भेजने के लिए पूरी तरह तैयार है और उसे पाकिस्तान से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। राहत सामग्री के वितरण से जुड़े कई अधिकारियों और सूत्रों ने रविवार को बताया कि राहत सामग्री मुहैया कराने  के मामले पर दोनों देशों की बातचीत ठंडे बस्ते में चली गई है। भारत ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान को मदद देने की मंशा जताई थी।
पाकिस्तान में मध्य जून से तेज बाारिश हो रही है। बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन से व्यापक नुकसान हुआ है। पाकिस्तान में 30 साल में औसतन सालाना जितना नुकसान होता है, उससे तीन गुना अधिक इस बार नुकसान हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को कहा कि बारिश से संबंधित आपदाओं के कारण पाकिस्तान में 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 3.3 करोड़ लोग यानी देश की 15 फीसदी आबादी प्रभावित हो चुकी है। दोनों देशों के विदेश मंत्री एक-दूसरे के संपर्क में हैं। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने बुधवार के बाद भारत से प्रस्तावित मदद के बारे में कोई बातचीत नहीं की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि उनका देश प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों से उबर जाएगा। पाकिस्तान में संकट से निकलने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ से जान-माल के नुकसान पर चिंता जताई थी। इसके जवाब में शरीफ ने ट्ववीट कर जवाब दिया। इसके बाद पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने भारत से खाद्यान्न के आयात के सुझाव पर गैरदोस्ताना रुख अपनाते हुए इसे नकार सा दिया है। बताया जाता है कि उन्होंने द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों की बहाली को कश्मीर मुद्दे से जोड़ दिया है। इस मामले को और जटिल करते हुए शरीफ ने कहा कि अभी भारत से सामान्य व्यापारिक संबंध शुरू नहीं हो पाएंगे। साल 2016 के उड़ी हमले के बाद दोनों देशों के बीच छिटपुट व्यापार हो रहा है। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति में बदलाव और अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद भारत के साथ सभी तरह के व्यापार को प्रतिबंधित कर दिया है। किसी भी आयात को कानूनी रूप से करने के लिए हालिया प्रतिबंधों को हटाना पड़ेगा। पाकिस्तान ने ईरान और अफगानिस्तान से प्याज और टमाटर का आयात शुरू कर दिया है। हालांकि पाकिस्तान के इन दोनों देशों से संबंध भी तनावग्रस्त हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘पाकिस्तान में गंभीर मानवीय संकट है। भारत ने प्राकृतिक आपदा के दौरान मदद मुहैया कराने की लंबे समय से जारी नीति के अनुरूप मदद मुहैया कराने की पेशकश की है। लेकिन जैसे आमतौर पर होता है, पाकिस्तान ने अपने राजनीतिक गुणा-भाग के तहत इस मुद्दे को ठप सा कर दिया है। अभी तक हमें इस मामले में कोई बदलाव दिखाई नहीं देता है और यह मुद्दा अपनी जगह से कायम है।’
पाकिस्तान में शरीफ और गठबंधन सरकार के कई घटक दलों के बीच विवाद का ताजा मुद्दा भी बन गया है। शरीफ गठबंधन सरकार के मुखिया हैं। अधिकारी ने कहा, ‘दोनों प्रांत पंजाब और सिंध बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। पंजाब की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाने वाले शरीफ के दल पीएमएल (एन) ने चुप्पी साध रखी है। हालांकि सिंध में उसके सहयोगी पीपीपी ने किसी भी स्रोत से मिलने वाली सहायता का स्वागत किया है।’ बाढ़ का पानी बढ़ने के कारण सिंध बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
सहायता की हालिया स्थिति
सूत्रों के मुताबिक भारत से भेजी जाने वाली सहायता का मामला असमंजस की स्थिति में फंस गया है। सहायता एजेंसियों के साथ कार्य करने वाले सूत्रों ने बताया कि सभी तरफ पड़ोसी देशों से घिरे अफगानिस्तान में 2021 में नागरिक सरकार गिरने की तर्ज पर भारत भविष्य में सहायता सामग्री मदद कराएगा। इसमें रेडी टू इट खाना, तंबू, दवाओं की आपूर्ति और रबर के जूते हो सकते हैं। संभवत: इस मदद को सैनिक हवाई जहाज के जरिये भेजा जाएगा।
सहायता एजेंसियों के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पहले, भारत मानवीय सहायता मुहैया करा सकता है।  इसके बाद फसल को हुए नुकसान के आकलन के बाद और राहत के बारे में विचार किया जा सकता है।’
भारत का इतिहास रहा है कि वह देशों को राहत सामग्री मुहैया कराता रहा है। भारत ने कई बार पाकिस्तान को मदद मुहैया कराई है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में पाकिस्तान में 2010 में आई बाढ़ के दौरान राहत सामग्री मुहैया कराई गई थी। इसी तरह तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 2001 में गुजरात में भूकंप आने की स्थिति में भारत ने राहत सामग्री स्वीकार की थी। पाकिस्तान के पारंपरिक मित्र तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात हैं। इन दोनों देशों ने पाकिस्तान को आपातकालीन सहायता मुहैया करानी शुरू कर दी है। हालांकि अन्य प्रमुख देश ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका भी वित्तीय और सामान की मदद मुहैया कराने की घोषणा कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने 30 अगस्त को पाकिस्तान के लिए अपील जारी की थी कि उसे सरकार के राहत कार्यों के लिए 16 करोड़ डॉलर की मदद की जरूरत है। पाकिस्तान के लिए किए जा रहे इन प्रयासों को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बीते सप्ताह 1.1 अरब डॉलर बेलआउट किस्त की घोषणा की है। आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से लंबे समय से बातचीत चल रही थी।
भारी नुकसान की सूचना
पाकिस्तान ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी है। पाकिस्तान के 160 जिलों में से 72 जिले ‘आपदा प्रभावित’ घोषित कर दिए गए हैं। पाकिस्तान के दो प्रांत बलूचिस्तान और सिंध सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। हालांकि खैबर पख्तूनवा और पंजाब पर भी असर पड़ा है।

First Published : September 4, 2022 | 11:17 PM IST