जी 20 के नेताओं का वर्चुअल शिखर सम्मेलन 22 नवंबर को होगा और इसमें किसी नए मुद्दे पर विचार-विमर्श नहीं किया जाएगा। जी-20 के भविष्य के मसौदे को नया अध्यक्ष ब्राजील आगे बढ़ाएगा और नई नीतियों की पहल करेगा।
भारत ने सितंबर में हुए जी 20 के शिखर सम्मेलन में डिजिटल बैठक का प्रस्ताव दिया था। भारत का सुझाव था कि इस मंच को सदस्य देशों के दिए गए असंख्य क्षेत्रों के प्रस्तावों और नीति पर विचार-विमर्श करना है और ऐसे में समय की कमी के कारण नए मुद्दों को नहीं शामिल किया जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम पेश किए जा चुके कई समाधानों पर गौर करें।’
अधिकारियों ने बताया कि डिजिटल शिखर सम्मेलन नई दिल्ली घोषणा और जी 20 के तय कार्यक्रमों की पुनर्समीक्षा करेगा। सितंबर में मुख्य शिखर सम्मेलन होने के बाद सरकार ने घोषणा के कार्यान्वयन की नियमित निगरानी के लिए उच्च स्तरीय तंत्र स्थापित किया था।
भारत में जी20 सचिवालय के अधिकारी ने बताया कि यह शिखर वार्ता वैश्विक नेताओं को जारी कई संकटों के बीच मुलाकात का एक और अवसर मुहैया कराता है। भू-राजनैतिक चुनौतियों को हल करने में ऐसी बैठकें अमूल्य होती हैं। लिहाजा जी 20 के नेता पहली बार साल में दो बार एकत्रित होंगे और मुख्य बैठक की प्रगति का आकलन करेंगे।
कई देशों ने एक साल में शिखरवार्ता कीं लेकिन इनमें चुनिंदा मुद्दों पर ही चर्चा हुई थी। उदाहरण के तौर पर जी 20 के अध्यक्ष इटली ने 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान के कब्जा करने पर नेताओं की असाधारण शिखर वार्ता आयोजित की थी।
शिखर वार्ता के परिणाम पर कोई दस्तावेज जारी किया जाने पर भी चर्चा हुई थी लेकिन अंतिम फैसले में इस विकल्प को त्याग दिया गया। इसकी जगह सरकार से प्रेस के लिए वक्तव्य जारी करने की उम्मीद है लकिन इस बैठक का संयुक्त वक्तव्य जारी होने की उम्मीद नहीं है। इसका कारण इजरायल-हमास युद्ध और यूक्रेन के संघर्ष को बैठक में उठाया जाना हो सकता है। अधिकारियों के अनुसार इस बैठक के एजेंडा को अन्य देशों के साथ साझा किया जा चुका है। उम्मीद यह है कि विश्व के ज्यादातर नेता इस वर्चुअल शिखरवार्ता में शामिल होंगे।
अधिकारियों के अनुसार सभी देशों की अंतिम सहमति अभी आनी बाकी है लेकिन ज्यादातर नेताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की पुष्टि कर दी है। हालांकि वर्चुअल बैठक होने की स्थिति में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भी शामिल होने की उम्मीद है। ये दोनों नेता नई दिल्ली में शिखर वार्ता में शामिल नहीं हुए थे और इसका कोई आधिकारिक कारण भी जारी नहीं किया गया। इस क्रम में मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने भी अपने अधीनस्थ को भेजा था।
वैसे प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर में औपचारिक कार्यक्रम के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा को जी 20 की अध्यक्षता औपचारिक रूप से सौंप दी थी। जी 20 के अध्यक्ष के रूप में भारत का कार्यकाल इस महीने के अंत में समाप्त हो रहा है।