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China laser weapon: चीन ने नौसेना के जहाज पर नया लेजर हथियार लगाया, जानें कितना खतरनाक है ये

यह अमेरिकी नौसेना के एक जहाज सैन एंटोनियो क्लास लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक पर लगे लेजर हथियार के प्रयोग जैसा ही है, जिसने मई 2020 में एक छोटे ड्रोन को मार गिराया था।

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भास्वर कुमार   
Last Updated- August 20, 2024 | 6:51 PM IST

चीन ने अपने एक युद्धपोत पर लेजर हथियार लगाया है, जो अमेरिका और अन्य देशों की नई तकनीक जैसी है। हाल ही में सोशल मीडिया पर आई एक तस्वीर में दिखाया गया है कि चीन की नौसेना के इस युद्धपोत पर नया लेजर हथियार लगाया गया है, जो हाल ही में मरम्मत और आधुनिकीकरण के बाद जोड़ा गया है। जब यह हथियार उपयोग में नहीं होता है, तो इसे एक बड़े गुंबद जैसी संरचना से ढक दिया जाता है। यह जानकारी ऑनलाइन रक्षा समाचार पब्लिकेशन ‘द वार जोन’ ने सोमवार को दी।

चीन ने पहले मुख्य रूप से जमीन पर लेजर हथियारों का इस्तेमाल किया है, लेकिन हाल ही में लाल सागर में हुए ड्रोन हमलों के बाद चीन को यह महसूस हुआ कि उनके युद्धपोतों में भी ऐसे तेज और ताकतवर हथियार होने चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार, इस खास तरह के जहाज (टाइप 071) को लेजर हथियारों की टेस्टिंग के लिए चुना गया है। अगर यह परीक्षण सफल होता है, तो भविष्य में इस तरह के हथियार दूसरे जहाजों पर भी लगाए जा सकते हैं। यह अमेरिकी नौसेना के एक जहाज सैन एंटोनियो क्लास लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक पर लगे लेजर हथियार के प्रयोग जैसा ही है, जिसने मई 2020 में एक छोटे ड्रोन को मार गिराया था।

अमेरिकी जहाज पर लगा लेजर हथियार, जिसका नाम लेजर वेपन सिस्टम डेमोंस्ट्रेटर (LWSD) Mk 2 Mod 0 है, नॉर्थ्रॉप ग्रुमन द्वारा विकसित किया गया था। हालांकि चीनी सिस्टम की क्षमताएं और विशेषताएं अभी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन ‘द वार जोन’ की रिपोर्ट बताती है कि यह सिस्टम जहाजों को छोटे नावों के झुंड और मानव रहित ड्रोन से सुरक्षा देने के लिए बनाया गया है।

क्या हैं अमेरिकी लेजर हथियार की विशेषताएं?

इसके अलावा, अमेरिकी हथियार को दुश्मन की मशीनों को चकाचौंध करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे उनकी मशीनों के कैमरे काम करना बंद कर देते हैं। ‘द वार जोन’ के अनुसार, चीनी लेजर हथियार प्रणाली से भी इसी तरह की क्षमताओं की उम्मीद की जा सकती है। चीन के पास पहले से ही कई कम पावर वाले लेजर हथियार हैं जो दुश्मन के विमानों को चकाचौंध कर देते हैं। उन्होंने कथित तौर पर इनका इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के विमानों पर किया है।

ऐसी ही एक घटना 2020 में हुई थी, जब चीन के एक जहाज ने अमेरिकी विमान को लेजर से चकाचौंध करने की कोशिश की थी। यह घटना दक्षिण चीन सागर में फरवरी 2020 में हुई थी, जब लेजर चीन के जहाज टाइप 052डी लुयांग III क्लास डिस्ट्रॉयर से छोड़ा गया था।

लेजर डैज़लर की ताकत के आधार पर, यह कई काम कर सकता है, जैसे कि विमान के पायलटों को कुछ समय के लिए अंधा करना, आंखों को पूरी तरह से अंधा कर देना, या ऑप्टिकल सेंसर को खराब करना। ‘द वार जोन’ वेबसाइट के अनुसार, टाइप 071 जहाज पर लगा नया लेजर सिस्टम एक ऐसा हथियार हो सकता है, जिसका मुख्य काम दुश्मन को अंधा करना या उनके उपकरणों को बेकार करना हो सकता है।

अमेरिकी नौसेना इस तकनीक में बहुत आगे बढ़ रही है, ताकि वे और भी ताकतवर लेजर हथियार बना सकें। ये नए हथियार बड़े और कठिन खतरों से निपटने में मदद करेंगे, जैसे नीचे उड़ने वाली क्रूज मिसाइलें और विमान। हाल ही में चीन ने भी इस क्षेत्र में तरक्की की है, जिससे लगता है कि चीन की नौसेना भी ऐसे ही हथियार बनाना चाहती है। अगर वे इसमें सफल होते हैं, तो उनके युद्धपोतों की ताकत काफी बढ़ जाएगी।

First Published : August 20, 2024 | 6:51 PM IST