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चीन ने भारत को बड़ी राहत देते हुए फर्टिलाइजर, रेयर अर्थ मिनरल्स और टनल बोरिंग मशीनों पर लगे निर्यात प्रतिबंधों में ढील देने का आश्वासन दिया है। यह फैसला हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत के बाद आया है।
वांग यी अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान जयशंकर से मिले थे। इस दौरान उन्होंने भरोसा दिलाया कि बीजिंग ने भारत की चिंताओं पर कदम उठाना शुरू कर दिया है और तीनों अहम वस्तुओं पर सप्लाई बहाल करने की दिशा में काम हो रहा है।
उर्वरक पर लगी रोक से रबी सीजन के दौरान DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की सप्लाई प्रभावित हुई थी।
टनल बोरिंग मशीनें, जिनका इस्तेमाल भारत की कई इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में होना था, चीन में फंसी रह गईं। इनमें विदेशी कंपनियों द्वारा बनाई गई मशीनें भी शामिल थीं।
भारत के ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग ने कई बार रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी की शिकायत की और उत्पादन पर असर पड़ने की चेतावनी दी।
अप्रैल में चीन ने सात रेयर अर्थ एलिमेंट्स और उनसे जुड़े मैग्नेट के निर्यात के लिए विशेष लाइसेंस अनिवार्य कर दिया था। 14 अगस्त को पीटीआई ने रिपोर्ट दी थी कि भारत सरकार इस मुद्दे पर चीन से लगातार बातचीत कर रही है।
एक अधिकारी के मुताबिक, “कोशिशें जारी हैं। जब हमने चीनी दूतावास से संपर्क किया, तो उन्होंने हमारी कंपनियों को वीजा जारी किए और वे चीनी अधिकारियों के संपर्क में हैं। कोशिश यही है कि सप्लाई चेन पर असर न पड़े।”
भारत की तैयारी
रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से बाजाज ऑटो जैसी कंपनियों को उत्पादन घटाना पड़ा। इसी बीच भारी उद्योग मंत्रालय ने घरेलू स्तर पर रेयर अर्थ मैग्नेट के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 1,345 करोड़ रुपये की सब्सिडी योजना तैयार की है।