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Bangladesh: शेख हसीना के भारत में होने को लेकर मुहम्मद यूनुस ने क्या कहा?

ऐसी खबरें हैं कि शेख हसीना का भारत में रहना और लंबा हो सकता है।

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भास्वर कुमार   
Last Updated- August 09, 2024 | 11:14 PM IST

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस ने बुधवार को एनडीटीवी को एक इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा हालात और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत में रहना उचित नहीं होगा। गौर करने वाली बात है कि हसीना ने लंबे समय तक चले छात्र प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा दे दिया था और देश से भाग गई थीं।

76 वर्षीय हसीना सोमवार को अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ दिल्ली के पास हिंडन वायु सेना स्टेशन पहुंचीं। इसके पहले बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विद्रोह हुआ, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। खबरों के अनुसार, हसीना अभी एक “सुरक्षित घर” में रह रही हैं।

यूनुस ने यह इंटरव्यू बांग्लादेश लौटने से पहले दिया था। ऐसी खबरें हैं कि शेख हसीना का भारत में रहना और लंबा हो सकता है। उनकी योजना थी कि वे ब्रिटेन जाएंगी और वहां शरण मांगेंगी, लेकिन यह योजना अटक गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन ने हसीना को शरण देने से लगभग इनकार कर दिया है। अब वे दूसरे विकल्प तलाश रही हैं, जिनमें अमेरिका और फिनलैंड शामिल हैं।

इस स्थिति में, हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया है कि उनकी मां के पास भारत छोड़ने की तत्काल कोई योजना नहीं है। जॉय के अनुसार, हसीना के किसी अन्य देश जाने का अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। 84 वर्षीय यूनुस गुरुवार को बांग्लादेश लौटे और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली। उनके साथ सलाहकारों की एक टीम भी होगी। अंतरिम सरकार में 15 सदस्य हैं।

यूनुस बांग्लादेश के एकमात्र नोबेल पुरस्कार विजेता हैं और हसीना के कड़े आलोचक रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री को हटाने के लिए अभियान चलाने वाले छात्र प्रदर्शनकारियों ने यूनुस को इस पद के लिए सिफारिश की थी। रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत हसीना की मदद करने को तैयार है। लेकिन उन्हें लंबे समय तक शरण देना नई दिल्ली के लिए मुश्किल हो सकता है। क्योंकि भारत बांग्लादेश में अपने हितों को सुरक्षित रखना चाहेगा, चाहे वहां कोई भी नई सरकार आए।

अंतरिम सरकार के शपथ लेने के बाद, अगला कदम बांग्लादेश में नए चुनाव कराना होगा। भारत की मुख्य चिंता यह हो सकती है कि ढाका में हसीना के विरोधी, जिनके साथ उसे काम करना होगा, हसीना के भारत में लंबे समय तक रहने का इस्तेमाल नई दिल्ली के इरादों पर संदेह पैदा करने के लिए कर सकते हैं।

First Published : August 9, 2024 | 3:59 PM IST