केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को घोषणा की कि भारत अगले 10 महीनों में अपना खुद का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल विकसित करेगा, जिसे 18,000 GPUs का सपोर्ट मिलेगा और यह भारतीय संदर्भ पर फोक्सड होगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री ने आगे कहा कि देश का लार्ज लैंग्वेज मॉडल (Large Language Model – LLM) अगले 10 महीनों के भीतर तैयार हो जाएगा।
गुरुवार को इंडिया AI मिशन पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वैष्णव ने कहा, “हमने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है और इसे आज लॉन्च किया जा रहा है। हमारा ध्यान ऐसे AI मॉडल बनाने पर है जो भारतीय संदर्भ और संस्कृति को बनाए रखें।” उन्होंने आगे बताया कि यह प्रोजेक्ट इंडिया AI कंप्यूट फैसिलिटी के सहयोग से आगे बढ़ेगा, जिसने 18,693 GPUs खरीदे हैं। ये GPU विशेष रूप से भारत के लिए डिजाइन किए गए LLM के निर्माण में मदद करेंगे।
वैष्णव ने भारत की AI क्षमताओं को वैश्विक मानकों से तुलना करते हुए कहा, “DeepSeek AI को 2,000 GPUs पर प्रशिक्षित किया गया था, ChatGPT को 25,000 GPUs पर प्रशिक्षित किया गया था, और हमारे पास अब 15,000 हाई-एंड GPUs उपलब्ध हैं। भारत के पास अब एक मजबूत कंप्यूटिंग सुविधा है जो हमारी AI महत्वाकांक्षाओं को पूरा करेगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि 18,000 GPUs के साथ एक साझा कंप्यूट सुविधा लॉन्च की गई है, जिसे स्टार्टअप्स, रिसर्चर और डेवलपर्स के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें से लगभग 10,000 GPUs पहले से ही काम कर रहे हैं।
वैष्णव ने कहा, “तकनीकी साझेदारों ने इस परियोजना को अंतिम रूप दिए जाने से पहले ही इस पर काम शुरू कर दिया था और इसमें निवेश भी किया था। यह सुविधा सभी के उपयोग के लिए उपलब्ध होगी।”
इस पहल के लिए GPU देने वालों में Jio Platforms, Tata Communications, Yotta और NextGen Data Centre शामिल हैं। तुलना के लिए, DeepSeek को 2,500 GPUs पर प्रशिक्षित किया गया था।
इंडिया AI मिशन का एक प्रमुख लक्ष्य देश में निर्मित एक AI मॉडल विकसित करना है, जो भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को ध्यान में रखेगा। सरकार ने AI स्टार्टअप्स से प्रस्ताव मांगे हैं और अब छह प्रमुख डेवलपर इस पर काम कर रहे हैं। ये मॉडल 4 से 6 महीनों में तैयार हो सकते हैं, जबकि अधिकतम समयसीमा 8-10 महीनों की होगी।
वैष्णव ने कहा, “एल्गोरिदमिक दक्षता के साथ, हम इन मॉडलों को बहुत कम समय में विकसित कर सकते हैं। हमारे पास कुछ ही महीनों में एक विश्व स्तरीय फाउंडेशनल AI मॉडल होगा।”