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साल दर साल बढ़ते आबकारी राजस्व से उत्साहित उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए इसका लक्ष्य बढ़ाकर 50000 करोड़ रुपये कर दिया है। चालू वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार ने आबकारी राजस्व की प्राप्ति का लक्ष्य 45000 करोड़ रुपये रखा था। साथ ही प्रदेश में बढ़ी शराब की खपत को देखते हुए इसे और भी महंगा किए जाने का फैसला लिया गया है। प्रदेश में देशी, अंग्रेजी शराब, बीयर की दुकानों की तादाद भी बढ़ाई जाएगी।
प्रदेश में अगले साल अप्रैल से देशी और विदेशी दोनों शराब महंगे दामों पर मिलेगी। लाइसेंस फीस बढ़ाने के बाद अब अगले वित्त वर्ष में अंग्रेजी शराब व देशी शराब के दामों में कम से कम पांच रुपये की बढ़ोत्तरी होगी। योगी सरकार की ओर से मंजूर की गयी नयी आबकारी नीति के मुताबिक देशी शराब के कोटे को 10 फीसदी बढ़ा दिया गया है। वाइन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में अंगूर, सेब और नाशपाती से बनने वाले सिरके, शेरी व पेरी वाइन के उत्पादन की अनुमति दे दी गयी है।
योगी मंत्री परिषद से मंजूर की गयी आबकारी नीति के मुताबिक अब 25 व 36 फीसदी तीव्रता वारी शराब शीरे से बनाई जा सकेगी जबकि अनाज से बनने वाली 42.8 फीसदी तीव्रता के साथ 36 फीसदी तीव्रता के निराणा को भी मंजूरी दे दी गयी है। पहले अनाज से केवल 42.8 फीसदी की तीव्रता वाली शराब ही बनायी जा सकती थी। देशी, अंग्रेजी शराब, बीयर सहित भांग की भी दुकान के बेसिक लाइसेंस फीस में 10 फीसदी की वृद्धि कर दी गयी है। साथ ही नवीनीकरण शुल्क को भी बढ़ा दिया गया है। प्रदेश में शराब की दुकानों की तादाद तीन फीसदी बढ़ जाएगी। शराब की पुरानी दुकानों का ई-नवीनीकरण किया जाएगा और उनकी दोबारा बोली नहीं लगाई जाएगी।
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आबकारी नीति में अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर हवाई अड्डे, रेलवे व मेट्रो स्टेशन पर शराब की प्रीमियम रिटेल शॉप खोलने का प्रस्ताव रखा गया है। आबकारी व पुलिस सहित अन्य विभागों से एनओसी लेने के बाद इन स्टेशनों के भीतर रिटेल वेंडिंग की अनुमति दे दी जाएगी। हालांकि इन दुकानों पर यात्री ही शराब खरीद सकेगे। बीयर की दुकानों के बगल में स्थान उपलब्ध होने पर लाइसेंस धारक उसका इस्तेमाल मॉडल शॉप के तौर पर कर सकेंगे जिसके लिए पुलिस की अनुमति लेनी होगी। बीयर की दुकानों पर पीने की सुविधा देने के लिए जिलाधिकारी व आबकारी अधिकारी से शुल्क सहित अनुमति लेनी होगी।