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अयोध्या में Ram Mandir में प्रतिष्ठा के साथ ही शहर के कायाकल्प में जुटी योगी सरकार अब सरयू में वाटर मेट्रो चलाएगी। अयोध्या में सरयू नदी में जल्द ही पर्यटक वाटर मेट्रो से सफर कर सकेंगे।
अयोध्या में पर्यटन को और समृद्ध करने के लिए और जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वाटर मेट्रो का संचालन अयोध्या के संत तुलसीदास घाट से गुप्तार घाट तक किया जाना है। दोनों प्वाइंटों पर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने सरयू किनारे जेटी की स्थापना की है, जहां पर वाटर मेट्रो के चार्जिंग के लिए बाकायदा पॉइंट बनाए गए हैं और यही से यात्री वाटर मेट्रो पर सवार होंगे।
वाटर मेट्रो परिचालन से जुड़े अशोक सिंह ने बताया कि सरयू के किनारे संत तुलसी घाट से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वाटर मेट्रो करीब 14 किलोमीटर का सफर गुप्तार घाट तक तय करेगी। जिसमें एक साथ लगभग 50 यात्री जलविहार का आनंद उठा सकेंगे।
पर्यावरण का ध्यान रखते हुए इस वाटर मेट्रो का संचालन किया जाएगा। अयोध्या में चलाई जाने वाली वाटर मेट्रो में 50 सीटें हैं, जिसे दोनों किनारों पर स्थापित किया किया गया है। फाइबर की बनी इन सीटों को मजबूती के साथ फिक्स किया गया है, ताकि किसी तरह के हादसे की आशंका न रहे।
कोचीन शिपयार्ड में बनी यह वॉटर मेट्रो सरयू नदी के ऊपर किसी क्रूज की तरह दिखाई देगी। मेट्रो पूरी तरह एयर कंडीशन वाली होगी, जिससे न तो सर्दियों में यात्री ठिठुरेंगे और न ही गर्मी में उन्हें पसीना बहाना पड़ेगा।
अयोध्या के सरयू में चलने वाली कुल 50 यात्रियों की क्षमता वाली इस वाटर मेट्रो का नाम कैटा मेरन वैसेल बोट है। इस वाटर मेट्रो बोट को पूरा एयरकंडीशन बनाया गया है, जिसमें यात्रियों की जानकारी के लिए डिस्प्ले भी लगाया गया है।
यात्रियों की केबिन के आगे बोट पायलट का केबिन अलग बनाया गया है। एक बार मे इलेक्ट्रिक से चार्ज होकर यह वाटर मेट्रो बोट एक घंटे की यात्रा करने मे सक्षम है। इस दौरान यह एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन यानी अयोध्या के संत तुलसी घाट से गुप्तार घाट तक 14 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर लेगी। किसी भी आपात अवस्था हेतु इस बोट मे जीवन रक्षक जैकेट्स व अन्य उपकरण भी रखे गये हैं।
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान समय में यह बोट अयोध्या के साथ वाराणसी भी पहुंचाई गई है। केंद्रीय जलमार्ग मंत्रालय द्वारा इसको अगले कुछ दिनों में राज्य सरकार को हैंडओवर किया जाएगा। इसके बाद इसका परिचालन राज्य सरकार करवाएगी।