शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने सोमवार को एक संसदीय समिति को बताया कि भारत और अमेरिका के संबंध बहुआयामी हैं और केवल व्यापार तक ही सीमित नहीं हैं। अधिकारियों ने यह भी भरोसा जताया कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत का यह छठा दौर होगा। अमेरिका की व्यापार मामलों से जुड़ी एक टीम 25 अगस्त को छठे दौर की बातचीत के लिए भारत आने वाली है।
पैनल के सदस्यों के भारत के रक्षा संबंधों से जुड़े सवालों के जवाब में, अधिकारियों ने उन हालिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें यह दावा किया गया था कि भारत ने अमेरिका से रक्षा उपकरण खरीदना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच, बाकी सभी मुद्दों पर दोनों देशों की सरकार का जुड़ाव सामान्य है लेकिन उन्होंने व्यापार को लेकर कुछ चुनौतियों को स्वीकारा है जिन्हें सुलझाने की जरूरत है।
विदेश मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के सदस्यों को ‘अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताओं और टैरिफ के संदर्भ में भारत की विदेश नीति की मौजूदा प्रगति’ पर जानकारी दी। इस समिति की अध्यक्षता कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर कर रहे हैं।
बैठक के बाद थरूर ने बताया कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पैनल को बताया कि अमेरिका के साथ भारत के संबंध कई आयामों वाले हैं और व्यापार इसका सिर्फ एक पहलू है। भारत कई विषयों पर अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखे हुए है। थरूर ने कहा कि दोनों देशों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत जारी रहेगी।
सदस्यों ने भारत-अमेरिका संबंधों पर 50 से अधिक सवाल पूछे, जिनमें व्यापार से जुड़े सवाल भी शामिल थे। वाणिज्य सचिव ने उनका विस्तार से जवाब दिया। अधिकारियों ने कहा कि भारत इस महीने के आखिर में छठे दौर की बातचीत के लिए अमेरिकी व्यापार टीम के दौरे का इंतजार कर रहा है।
थरूर ने कहा कि अलास्का में अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की मुलाकात से, भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने पर व्हाइट हाउस द्वारा लगाए गए 25 फीसदी जुर्माने को हटाने का रास्ता खुल सकता है। हालांकि, अमेरिका ने भारत पर जो 25 फीसदी का टैरिफ लगाया है, वह देश पर असर डाल रहा है और इसे कम करने की जरूरत है।
अधिकारियों ने कहा कि भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने के संदर्भ में अमेरिका का दूसरे देशों पर एकतरफा, दंडात्मक उपाय थोपना केवल विश्वास को कम करता है और वैश्विक व्यापार मानदंडों को बिगाड़ता है। अधिकारियों ने सदस्यों को बताया, ‘हाल के घटनाक्रमों के बावजूद, हम बातचीत और आपसी सम्मान के जरिये सभी बाकी मुद्दों को हल करने के लिए अमेरिका सहित अपने साझेदारों के साथ रचनात्मक तरीके से जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
समिति के सदस्यों ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की डेढ़ महीने के भीतर दो बार अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा मेजबानी किए जाने के बारे में भी सवाल पूछे। वे यह भी जानना चाहते थे कि क्या ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने का ‘श्रेय न मिलने के कारण’ भारत पर भारी टैरिफ और जुर्माना लगाया है।