Perfume industry: इसेंशियल ऑयल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ईओएआई) के बैनर तले कन्नौज में जुटे स्थानीय और देश भर के सुगंध कारोबारियों ने विदेशी के साथ ही देशी बाजार को महत्वपूर्ण बताते हुए यहां भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर दिया। विशेषज्ञ इत्र एवं एसेंशियल ऑयल के भविष्य पर चर्चा करने, बाजार की संभावनाओं को तलाशने तथा नियामक चिंताओं को दूर करने कन्नौज में आयोजित इस वर्कशाप में शामिल हुए। विशेषज्ञों ने कहा कि परंपरागत इस्तेमाल के अलावा भी यहां के इत्र व सुगंधित तेल के लिए फार्मा व फूड इंडस्ट्री में बजारा तलाशना चाहिए।
वर्कशाप को संबोधित करते हुए कन्नौज के जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने कहा कि यहां के इत्र व सुगंधित तेलों का निर्यात सालाना आधार पर 55-60 करोड़ रुपये का है। वहीं, देशी बाजार में इसकी 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि विदेशों के साथ ही साथ बल्कि उससे भी ज्यादा घरेलू बाजार में संभावनाएं हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि कन्नौज में तैयार हो चुके इत्र पार्क में बड़ी तादाद में निवेशक रुचि दिखा रहे हैं। योगी सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारा विकसित करने की योजना पर काम शुरू किया है। बेहतर कनेक्टिविटी के चलते इस गलियारे में देश के बाकी हिस्सों के इत्र व सुगंधित तेलों के निर्माता अपनी इकाई लगा सकेंगे। कन्नौज के इत्र पार्क में अब तक 24 उद्यमियों को भूखंड का आवंटन किया जा चुका है।
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उन्होंने कहा कि अभी कन्नौज के इत्र व सुगंधित तेलों का अधिकांश प्रयोग तम्बाकू व पान मसाला उद्योग में होता है। जबकि इसे फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण व सौंदर्य प्रसाधन उद्योग तक पहुंचाना होगा। उन्होंने कहा कि लोगों की क्रय क्षमता बढ़ने के साथ ही परफ्यूम का उपयोग बढ़ रहा है और घरेलू बाजार में इत्र की खपत बढ़ने की असीम संभावना है।
वर्कशॉप में कन्नौज के इत्र एवं परफ्यूमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश पाठक ने कहा कि हमारा उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देना तथा इस क्षेत्र में विकास के नए अवसर तलाशना है।
भारतीय एसेंशियल ऑयल संघ (ईओएआई) नोएडा के अध्यक्ष संजय वार्ष्णेय ने कहा कि वैश्विक एसेंशियल ऑयल बाजार में कन्नौज की महत्वपूर्ण भूमिका है। कन्नौज के फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर (एफएफडीसी) के निदेशक एसवी शुक्ला ने कहा कि इस जिले में 350 से अधिक इत्र बनाने की इकाइयां कार्यरत हैं और देश में प्राकृतिक तरीकों से सुगंधित तेल बनाने का यह सबसे बड़ा केंद्र है।