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Operation Sindoor: पाकिस्तान को करारा जवाब, सरकार ने कहा- भारत ने आतंकी ढांचे को तबाह करने के अपने अधिकार का किया इस्तेमाल

ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की प्रेस ब्रीफिंग में यह बयान जारी किया गया।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- May 07, 2025 | 1:16 PM IST

Operation Sindoor: सरकार ने बुधवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम देकर भारत ने पहलगाम जैसे सीमापार हमलों पर जवाब देने, उन्हें रोकने और धता बताने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है। सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि उसका ध्यान आतंकी ढांचे को नष्ट करने और आतंकवादियों को निष्क्रिय करने पर केंद्रित है। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान तथा उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए जाने के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की प्रेस ब्रीफिंग में यह बयान जारी किया गया।

कर्नल सोफिया कुरैशी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि नौ आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया गया। आतंकी ठिकानों को प्रामाणिक खुफिया जानकारी और सीमापार आतंकवाद में आतंकियों के शामिल होने के आधार पर चुना गया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान में किसी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस से निपटने को तैयार है भारत।

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित जिन आतंकी ठिकानों पर हमला किया उनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 नागरिकों के नरसंहार के दो सप्ताह बाद ये मिसाइल हमले किए गए। मिसरी ने कहा कि ये कार्रवाई नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली और जिम्मेदाराना थीं।

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आतंकवाद को जवाब: विदेश सचिव

पहलगाम हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रेस वक्तव्य का जिक्र करते हुए मिसरी ने कहा कि इसमें “आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने की आवश्यकता” को रेखांकित किया गया। विदेश सचिव ने कहा, ‘‘भारत की ताजा कार्रवाई को इस परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।’’ मिसरी ने कहा कि 22 अप्रैल के आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों और इसकी साजिश रचने वालों को न्याय के दायरे में लाना जरूरी माना जा रहा था।

मिसरी ने कहा, ‘‘हमले के बाद एक पखवाड़ा गुजरने पर भी पाकिस्तान की ओर उसकी सरजमीं पर और उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र में आतंकी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई कदम उठता नहीं दिखा। इसके बजाय वह आरोप लगाने और सचाई को नकारने में लगा रहा।’’ मिसरी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को लेकर हमारी खुफिया निगरानी ने संकेत दिया कि भारत के खिलाफ और हमलों की आशंका है। इसलिए इन्हें रोकने और धता बताने की अनिवार्यता थी।’’

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पहलगाम हमले का मकसद JK के सामाजिक हालात में खलल डालना

मिसरी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पहलगाम हमले का मकसद जम्मू कश्मीर के सामाजिक हालात में खलल डालना था जहां प्रगति और विकास हो रहा है। मिसरी ने कहा कि पहलगाम हमले का मकसद सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना भी था। विदेश सचिव ने कहा कि पहलगाम हमले की जांच में पाकिस्तान के तार इससे जुड़े होने का खुलासा हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खुफिया तंत्र ने पहलगाम हमले में शामिल और इसकी साजिश रचने वालों की पहचान की।’’ पहलगाम हमले को लेकर जम्मू कश्मीर और शेष भारत में आक्रोश की स्थिति को स्वाभाविक बताते हुए विदेश सचिव ने कहा, ‘‘भारत ने आज सुबह आतंकी ढांचे को तबाह करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।’’

First Published : May 7, 2025 | 1:16 PM IST