Steel PLI scheme 1.1: चीन से बढ़ते आयात के संकट से जुझ रही स्टील इंडस्ट्री को मोदी सरकार एक नई सौगात देने जा रही है। सरकार सोमवार (6 जनवरी, 2025) को स्टील सेक्टर के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) का एक और दौर शुरू करेगी। ‘पीएलआई स्कीम 1.1’ को स्टील मंत्री एचडी कुमारस्वामी (H D Kumaraswamy) लॉन्च करेंगे। इससे भारतीय स्टील कंपनियो के हालात में सुधार होने की उम्मीद है।
स्टील मंत्रालय ने बयान में कहा, “केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री… स्टील इंडस्ट्री के लिए ‘पीएलआई योजना 1.1’ का शुभारंभ करेंगे और छह जनवरी को आवेदन आमंत्रित करेंगे।”
विशेष इस्पात (specialty steel) के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और पूंजी निवेश (capital investments) को आकर्षित करके आयात को कम करने के लिए सरकार ने पहले विशेष इस्पात (specialty steel) के लिए PLI योजना शुरू की थी। इस योजना ने 27,106 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है, जिससे 79 लाख टन विशेष इस्पात उत्पादन के साथ 14,760 डायरेक्ट रोजगार के अवसर पैदा होने की परिकल्पना की गई है।
PLI योजना की अवधारणा 2020 में कोविड महामारी के बाद लगे ग्लोबल लॉकडाउन के दौरान तैयार की गई थी, जिसमें घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया गया था। शुरुआत में तीन सेक्टर के लिए शुरू की गई PLI योजना को बाद में नवंबर, 2020 में स्टील को शामिल करने के लिए बढ़ा दिया गया था।
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स्टील मंत्रालय के बयान के मुताबिक, पिछले साल नवंबर तक कंपनियों ने 18,300 करोड़ रुपये का निवेश किया है और 8,660 से अधिक रोजगार सृजित किए हैं। बयान में कहा गया है कि सरकार इसमें भाग लेने वाली कंपनियों के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रही है और प्रतिक्रिया के आधार पर यह महसूस किया गया कि अधिक भागीदारी आकर्षित करने के लिए योजना को पुनः अधिसूचित करने की गुंजाइश है।
हाल ही में स्टील मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया है कि केंद्रीय बजट 2025-26 में तैयार स्टील उत्पादों पर आयात शुल्क 7.5% से बढ़ाकर 15% किया जाए। स्टील मंत्रालय का मानना है कि अगर आयात शुल्क बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया जाता है तो इससे विशेष तौर पर चीन से तैयार इस्पात का सस्ता आयात बढ़ने के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सकता है।
ऑफिशियल आंकड़ों के अनुसार, तैयार स्टील का आयात तेजी से बढ़ रहा है, खासकर चीन से। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान चीन से होने वाले आयात की हिस्सेदारी बढ़कर 32 प्रतिशत हो गई है जो एक वर्ष पहले तक 23 प्रतिशत थी। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीने के दौरान तैयार स्टील के आयात में सालाना 41 फीसदी की उछाल देखी गई और यह 47 लाख टन हो गया। इसका नतीजा यह है कि आयात में बढ़ोतरी के चलते, घरेलू स्टील कंपनियों के मुनाफे पर असर देखा जा रहा है।