facebookmetapixel
रूसी तेल पर पश्चिमी देशों का दोहरा रवैया, अमेरिकी दबाव के बीच जयशंकर का पलटवारकोयला मंत्रालय ने भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किएबीमा क्षेत्र की बिक्री बढ़ी पर शुरुआती चुनौतियांइलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 5,532 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाएं मंजूरडायरेक्ट असाइनमेंट को बैंकों से वरीयता मिलने की संभावनासरकारी बैंकों में विदेशी निवेश 49% तक बढ़ाने की तैयारी, सरकार खोल सकती है दरवाजेलगातार तीन तिमाहियों की बढ़त के बाद कारोबारी धारणा में गिरावटसेबी ने मिल्की मिस्ट डेयरी फूड, क्योरफूड्स इंडिया समेत 5 आईपीओ को मंजूरी दीऋण के सार्वजनिक निर्गम में चुनिंदा निवेशकों को प्रोत्साहन पर विचारDollar vs Rupee: आयातकों की लगातार डॉलर मांग से रुपये में कमजोरी

Modi 3.0: पीके मिश्रा प्रधान सचिव और NSA अजित डोभाल को दोबारा मिली जिम्मेदारी

मिश्रा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1972 बैच के अधिकारी हैं और केंद्रीय कृषि सचिव के पद से सेवानिवृत्त हैं। वह पिछले दस वर्षों से प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े हुए हैं।

Last Updated- June 13, 2024 | 10:24 PM IST
NSA Doval will go to China for special representative talks विशेष प्रतिनिधि वार्ता के लिए चीन जाएंगे एनएसए डोभाल

केंद्र सरकार ने गुरुवार को दोबारा अजित डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और पीके मिश्रा को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नियुक्त कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में प्रशासनिक कार्यों को पहले की तरह जारी रखने के लिए दोनों सेवानिवृत्त अधिकारियों की पुनर्नियुक्ति की गई है।

डोभाल भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1968 बैच के अधिकारी हैं। वह इंटेलिजेंस ब्यूरो (IP) के निदेशक के पद से 2005 में सेवानिवृत्त हुए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य एवं खुफिया मामलों को संभालने के लिए उनकी सेवाएं जारी रखने का फैसला लिया गया है। उन्हें 2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एनएसए के पद पर नियुक्त किया गया था और 2019 में उन्हें दोबारा इसी पद पर जिम्मेदारी सौंपी गई।

मिश्रा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1972 बैच के अधिकारी हैं और केंद्रीय कृषि सचिव के पद से सेवानिवृत्त हैं। वह पिछले दस वर्षों से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से जुड़े हुए हैं। प्रशासनिक मसलों को संभालने के लिए मिश्रा की सेवाएं जारी रखने का निर्णय लिया गया है।

डोभाल और पीके मिश्रा प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में अब तक सबसे लंबे समय तक काम करने वाले अफसरशाह बन गए हैं। दोनों ही अधिकारियों की पहचान चुपचाप अपने काम और लक्ष्य के लिए व्यस्त रहने वालों की रही है। मिश्रा प्रधानमंत्री मोदी से उस समय से जुड़े हैं जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। डोभाल ने 2009 में विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय फाउंडेशन की शुरुआत की थी।

कार्मिक मंत्रालय के आदेश के मुताबिक कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने डोभाल को एनएसए के पद पर 10 जून से नियुक्ति को मंजूरी दी। डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। मिश्रा की नियुक्ति भी 10 जून से ही प्रभावी मानी जाएगी। उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तक रहेगी।

इसी प्रकार दो और अफसरशाहों 1985 बैच के आईएएस अमित खरे एवं 1987 बैच के तरुण कपूर को भी प्रधानमंत्री के सलाहकार के तौर पर दो साल के लिए पुन: नियुक्त किया गया है।

First Published - June 13, 2024 | 10:24 PM IST

संबंधित पोस्ट