मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़

तमाम अटकलों के बीच कमल के होंगे कमलनाथ! 44 साल का कांग्रेस का हाथ छोड़ BJP में क्यों मार रहे एंट्री?

कमलनाथ के काफी खास माने जाने वाले दीपक सक्सेना ने भी मीडिया से बातचीत के दौरान संकेत दिया कि कमलनाथ कांग्रेस के पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- February 19, 2024 | 5:05 PM IST

मध्य प्रदेश में साल 2018 से लेकर 2020 तक दो साल के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठने वाले Kamal Nath अपने बेटे नकुलनाथ के साथ भाजपा (BJP) में शामिल हो सकते हैं। कुछ दिन पहले से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ अब कमल के होने वाले हैं। इस कयास की शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस सांसद नकुलनाथ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X में लिखी प्रोफाइल से कांग्रेस हटा लिया था। लेकिन कांग्रेस के दिग्विजय सिंह सहित कई दिग्गज नेता इस बात को नकारने में लगे थे कि ऐसा सही नहीं है। मगर वहीं होने की ज्यादा उम्मीद जताई जा रही है जिसकी खबर उड़ रही है।

इस बीच, कमलनाथ के काफी खास माने जाने वाले दीपक सक्सेना ने भी ANI से बातचीत के दौरान संकेत दिया कि कमलनाथ कांग्रेस के पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं। उन्होंने कहा, ‘2023 के विधानसभा चुनावों के बाद से कमल नाथ की उपेक्षा की गई है। किसी ने नहीं सोचा होगा कि भूपेश बघेल हार जाएंगे। हम छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हार गए जहां हमने नहीं सोचा था कि हम हारेंगे। लेकिन केवल कमल नाथ ही क्यों हार रहे हैं इसके लिए दोषी ठहराया गया।’

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दिग्विजय सिंह ने क्या कहा?

दिग्विजय सिंह ने भी इस मुद्दे पर बयान भी दिया था और कहा था कि उनपर सरकारी एजेंसियों का दबाव है। उन्होंने कुछ ही देर पहले बयान दिया और कहा, ‘मैं लगातार कमल नाथ के संपर्क में हूं, पार्टी नेतृत्व भी उनके संपर्क में है। कमल नाथ ने (अपनी राजनीतिक यात्रा) कांग्रेस के साथ शुरू की थी और उन्हें इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे के रूप में जाना जाता है। वह हमेशा कांग्रेस के साथ रहे हैं और हैं इसके एक स्तंभ रहे हैं। उन्होंने केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य किया है, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं और सीएम भी रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि वह पार्टी छोड़ेंगे।’

वहीं कांग्रेस के नेता और पूर्व ऊर्जा मंत्री मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा था, ‘मैं मानता हूं कि कमलनाथ जी का DNA कांग्रेस का है। अगर वो भारतीय जनता पार्टी का दामन थामते है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है।’

कैसे शुरू हुई कमलनाथ के भाजपा जाने की सुगबुगाहट?

इस मामले ने तूल तब पकड़ी, जब भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने X पर एक फोटो पोस्ट की जिसमें उनके बेटे नकुल नाथ भी थे और कैप्शन में लिखा- ‘जय श्री राम’।

कुछ ही समय बाद एक्स पर ही एक और पोस्ट की और उसमें सलूजा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नेशनल मीडिया पैनलिस्ट आलोक शर्मा की एक फोटो शेयर की। उन्होंने उस पोस्ट में आरोप लगाया गया कि वायनाड सांसद (राहुल गांधी) उन लोगों की संगति में थे जिन्होंने कमलनाथ के खिलाफ ‘अपमानजनक टिप्पणी’ की थी। उन्होंने लिखा, ‘राहुल गांधी ने अपनी पसंद बता दी है, अब कमलनाथ की बारी है।’

हालांकि इन सब अटकलबाजियों को नकारते हुए अब कमलनाथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हो सकते हैं। 77 साल के कमलनाथ, करीब-करीब 44 सालों से कांग्रेस पार्टी के साथ रहे हैं। लेकिन, अचानक से भाजपा में आने का मूड बना लिए। आइये जानते हैं कुछ मुख्य वजहें-

कांग्रेस में घटती साख

हाल ही में, नवंबर 2023 में 5 विधानसभाओं के चुनाव हुए। इसमें मध्य प्रदेश भी शामिल था। इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने कमलनाथ की अगुवाई में चुनाव लड़ा और करारी हार देखने को मिली। मौजूदा विधानसभा में भाजपा के 163 और कांग्रेस के 66 विधायक हैं। इसके बाद से ही कांग्रेस पार्टी में कमलनाथ का कद घटने लगा।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार की जिम्मेदारी गांधी परिवार ने कमलनाथ को दे दी और साथ ही सूबे की सारी रणनीति भी बदलने लगी। उसके बाद भी यह करीब-करीब साफ तब होने लगा जब कमलनाथ की बिना जानकारी के ही जीतू पटवारी को MP कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिया गया। जिसके बाद से ही कमलनाथ की नाराजगी की खबर बाहर आने लगी थी।

सिख दंगो पर आने वाली है SIT की रिपोर्ट, कमलनाथ के रोल की भी हो रही जांच

भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद भारत में सिख विरोधी दंगे भड़कने लगे। उस दंगे की वजह से से देशभर में सिखों पर अत्याचार की खबर आने लगी। माना जा रहा था कि उसमें कांग्रेस नेता कमलनाथ का भी दंगा भड़काने में हाथ था। हालांकि इन दंगों को लेकर कमलनाथ के रोल की जांच करने के लिए कोर्ट ने SIT गठित की और इस आरोप पर रिपोर्ट मांगी। 23 अप्रैल को इसे लेकर सुनवाई भी होने वाली है।

दिल्ली में भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कमलनाथ के खिलाफ कोर्ट में कार्रवाई करने के लिए याचिका दायर की थी। जिसके लिए जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच सुनवाई कर रही है।

नकुलनाथ की सीट का बंटवारा

2019 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से अपने बेटे नकुलनाथ को चुनाव लड़ाया था। उन्हें जिताने के लिए कमलनाथ ने भारी मेहनत की। माना जा रहा है कि छिंदवाड़ा कमलनाथ की पक्की सीट है, मगर उनके बेटे के लिए यह उतनी मजबूत साबित होती नहीं दिखती। अब नकुलनाथ यह भी ऐलान कर चुके हैं कि वे छिंदवाड़ा के अलावा कहीं से चुनाव नहीं लड़ेंगे और उनके पिता कमलनाथ अब तुनाव नहीं लड़ेंगे।

ऐसे में मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि कमलनाथ अपने बेटे के साथ कांग्रेस की स्थिति को ठीक न देखते हुए मौके का फायदा उठाने के लिए भाजपा जॉइन कर रहे हैं।

354 करोड़ के बैंक फ्रॉड में भांजे रतुल की ED कर रही जांच

कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी पर 354 करोड़ के बैंक फ्रॉड का केस दर्ज है, जिसे लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी ED जांच कर रही है। हालांकि पहले भी सीबीआई इस मामले को लेकर जांच कर रही थी और बाद में ईडी ने केस दर्ज कर लिया। रतुल गिरफ्तार भी हुए थे। हालांकि अभी वे जमानत पर बाहर हैं।

रतुल पर आरोप है कि वह जिस कंपनी मोजरवेयर के डॉयरेक्टर थे, उस कंपनी ने गलत डॉक्यूमेंट्स के आधार पर 354 करोड़ रुपए का लोन लिया था। इसके बाद रतुल पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलने लगा। इस मामले में रतुल की मां नीता और पिता दीपक पुरी से भी ED पूछताछ कर रही है और उन्हें आरोपी बनाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर कमलनाथ सत्ताधारी पार्टी भाजपा में जाते हैं तो उन्हें इन मामलों में राहत मिल सकती है।

राज्यसभा में नामांकन

ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ की पार्टी से नाराजगी की एक मुख्य वजह कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा के लिए न भेजना भी है। चूंकि, अब कमलनाथ चुनाव नहीं लड़ेंगे, ऐसा उनके बेटे ने पहले कहा था, इस बीच यह अनुमान लगाया जा रहा था कि कांग्रेस उन्हें राज्यसभा का टिकट दे देगीष। हालांकि, सूत्रों ने NDTV को बताया कि यह सच नहीं है। हालांकि उन्होंने यह कहा कि कमलनाथ ने मध्य प्रदेश से अशोक सिंह के नामांकन के लिए दबाव डाला था और वह नहीं चाहते थे कि मीनाक्षी नटराजन को नामांकित किया जाए। नटराजन कथित तौर पर राज्यसभा के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पसंद थे।

First Published : February 18, 2024 | 6:18 PM IST