India UK Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने गुरुवार को मुंबई में प्रतिनिधि स्तर की बैठक की। पीएम मोदी ने कहा कि जुलाई में भारत और यूके के बीच ऐतिहासिक कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (CETA) पर हस्ताक्षर हुए थे। उन्होंने बताया कि इस समझौते के लागू होने से दोनों देशों के बीच आयात लागत कम होगी। इससे व्यापार बढ़ेगा, उद्योगों को फायदा होगा और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और यूके स्वाभाविक साझेदार हैं। दोनों देशों के रिश्तों की नींव लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे साझा मूल्यों पर टिकी है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक अस्थिरता के इस दौर में भारत-यूके की बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण आधार बन रही है। बैठक में इंडो-पैसिफिक, पश्चिम एशिया और यूक्रेन संकट जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
ब्रिटेन के पीएम कीर स्टारमर ने भारत की आर्थिक प्रगति और प्रधानमंत्री मोदी के विज़न की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। स्टारमर ने प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक भारत को पूरी तरह विकसित देश बनाने के विज़न ‘विकसित भारत’ की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत-यूके की साझेदारी भविष्य और अवसरों पर केंद्रित है और दोनों देश मिलकर नई संभावनाओं का निर्माण कर रहे हैं।
बैठक में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए इंडिया-यूके CEO फोरम और ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने कहा कि इतने बड़े व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ स्टारमर का भारत आना इस साझेदारी में नई ऊर्जा का प्रतीक है। इससे दोनों देशों के उद्योगों और उपभोक्ताओं को फायदा होगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कुल मिलाकर, इस बैठक से साफ है कि भारत और यूके अपने व्यापार, निवेश और वैश्विक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की योजना बना रहे हैं। दोनों देश न केवल आर्थिक रूप से बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मजबूत साझेदारी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।