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दुनिया का चौथा बड़ा सौंदर्य बाजार बन गया भारत

साल 2023 में भारतीय सौंदर्य प्रसाधन (कॉस्मेटिक) उत्पादों के बाजार का आकार 1.35 अरब डॉलर होने का अनुमान है।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- December 10, 2023 | 5:40 PM IST

सौंदर्य के प्रति बढ़ते रुझान के कारण भारत दुनिया का चौथा बड़ा सौंदर्य बाजार बन गया है। भारत में सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल उद्योग का बाजार आकार 2025 तक एक लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग दो लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। विदेशी बड़े ब्रांडों के साथ देशी उत्पादों की मांग भी तेजी से बढ़ी है।

बड़े शहरों के साथ छोटे-शहरों और गांव तक सौंदर्य उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण भारतीय बाजार में देशी-विदेशी ब्रांडों के फलने फूलने के लिए अवसर प्रदान कर रहा है।

साल 2023 में भारतीय सौंदर्य प्रसाधन (कॉस्मेटिक) उत्पादों के बाजार का आकार 1.35 अरब डॉलर होने का अनुमान है। एक अनुमान के मुताबिक सालाना 10.91 फीसदी की दर की रफ्तार से यह 2028 तक 2.27 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।

मुंबई में जियो कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कॉस्मोप्रोफ इंडिया में उद्योग के आयोजकों का कहना है कि देश में 2022-26 के बीच व्यक्तिगत देखभाल, त्वचा की देखभाल और मेकअप में लगभग 4.5 फीसदी और सुगंध में 2.4 फीसदी की वृद्धि होगी।

दुनिया भर में सौंदर्य प्रसाधन के सभी टॉप ब्रांड यूनिलीवर, प्रॉक्टर एंड गैंबल और लॉरिअल भारत में बेहद सफल हो रहे हैं। केवल विदेशी ब्रांड ही नहीं देसी ऑर्गेनिक ब्रांडों की भी धूम कम नहीं है।

लुक्स सैलून ग्रुप के सीईओ समीर श्रीवास्तव ने कहा कि यह उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, खासकर शहरी उपभोक्ताओं के साथ छोटे शहरों में सौंदर्य उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है। फिलहाल यह उद्योग 80,000 करोड़ रुपये का है, जो 10 फीसदी की सालाना दर से बढ़ रहा है। विदेशी कंपनियों के उत्पाद के साथ देशी कंपनी की उत्पादों की मांग और खपत तेजी से बढ़ी है। पिछले कुछ सालों में नाखून और पुरुष सौंदर्य जैसी उत्पादों की मांग बढ़ी है।

बीब्लंट (मामा अर्थ ग्रुप) इंडिया की सीईओ स्फूर्ति शेट्टी ने कहा कि भारत के सौंदर्य उद्योग के आगे बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं। सिर्फ पेशेवर हेयर केयर बाजार का मूल्य 2,100 करोड़ रुपये है, जो इसकी क्षमता का उदाहरण है। देश को छोटे और मझोले शहरों में अंतरराष्ट्रीय और प्रतिष्ठ ब्रांडों की बढ़ती दिवानगी इस उद्योग को नई दिशा दे रहा है।

इनफाइनाइट ऑनलाइन शॉपिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक बिमल ठक्कर कहते हैं कि ई-कॉमर्स कंपनियों की आम आदमी तक बढ़ती पहुंच ने सौंदर्य उद्योग को गति दी है। अब छोटे शहरों और गांवों तक में ई-कॉमर्स चैनलों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य उत्पाद आसानी से पहुंच जा रहे हैं। बाजार में जो दिखता वह बिकता है यानी इस उद्योग में जिसकी पहुंच आसान और तेजी से हो रही है वह कंपनी तेजी से बढ़ रही है।

कॉस्मोप्रोफ इंडिया के आयोजक एवं इंफॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास कहते हैं कि जैसे-जैसे भारतीय उपभोक्ता परिदृश्य विकसित होता है, एक निर्णायक बदलाव सामने आता है, जिसमें उपभोक्ता अधिक विचारशील, जागरूक और केंद्रित होते हैं।

उपभोक्ता खर्च बढ़कर 23.7 लाख करोड़ रुपये हो गया, भारत 2027 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनने की राह पर है। भारतीय उपभोक्ताओं की प्रति व्यक्ति सकल आय भी 2021 से 2040 तक वास्तविक रूप से 138 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। भारतीय बाजार की तरफ वैश्विक कंपनियां तेजी आकर्षित हो रही है क्योंकि अभी भी भारत में करीब 18 फीसदी ही महिलाएं सौंदर्य उत्पादों का इस्तेमाल करती है।

First Published : December 10, 2023 | 5:38 PM IST