दिल्ली में इस साल लोगों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ तो भीषण गर्मी, तो दूसरी तरफ बार-बार हो रहे बिजली कट। सीएनबीसी टीवी18 की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर भी बिजली कटौती हो गई, जिससे चेक-इन और बोर्डिंग की प्रक्रिया बाधित हो गई।
पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर BSES दिल्ली के आधिकारिक हैंडल को टैग करते हुए सैकड़ों लोगों ने बिजली कटौती की शिकायतें की हैं। कई लोगों ने कम वोल्टेज की भी समस्या बताई है, जिससे उनके एयर कंडीशनर और अन्य बिजली के उपकरण ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं।
एक यूजर @aamirsaleem316 ने ट्वीट किया, “@bsesdelhi त्योहार के दिन भी पिछले एक घंटे से बिजली कट है। ऐसा लगता है दिल्ली अंधकार युग में वापस जा रही है। जल्द ही सरकार को चुनाव में इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा @ArvindKejriwal @AamAadmiParty”
एक यूजर @sayeed2u ने लिखा, “जब भी तेज गर्मी या त्योहार होता है, बिजली विभाग की मनमानी चरम पर होती है, रात को भी यही हाल था। सुबह से लेकर अब तक 3 बार से ज्यादा घंटों तक बिजली कट गई, लेकिन कहीं कोई जिम्मेदारी नहीं है।”
दिल्ली में इस साल आग लगने की घटनाओं में भी बेतहाशा इजाफा हुआ है। रविवार को मुंडका में एक एलईडी लाइट बनाने वाली फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। पिछले हफ्ते चांदनी चौक के ओल्ड कटरा मारवाड़ी मार्केट में आग लगने से 200 से ज्यादा दुकानें जलकर राख हो गई थीं और करोड़ों का नुकसान हुआ था। ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं।
इस साल 12 जून तक राष्ट्रीय राजधानी में आग लगने के 339 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। पूरे 2023 में ऐसे मामलों की संख्या 553 थी। दिल्ली दमकल सेवा के अनुसार, 29 मई को उन्हें 200 से ज्यादा कॉल आए थे, जिनमें से 183 आग लगने से जुड़ी थीं। यह अब तक इस साल की सबसे ज्यादा संख्या है।
आग लगने की इन घटनाओं में जानमाल का भी काफी नुकसान हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल दिल्ली में आग लगने से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 55 लोग मारे गए हैं और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
दिल्ली में बिजली कटौती और आग लगने की घटनाओं के पीछे क्या वजह है?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल बिजली कटौती का मुख्य कारण बिजली की बहुत ज्यादा मांग और इसके चलते बिजली के तारों पर ज्यादा भार पड़ना है। ज्यादा भार पड़ने की वजह से ट्रांसफॉर्मर खराब हो रहे हैं और कभी-कभी शॉर्ट सर्किट भी हो जाता है। यही शॉर्ट सर्किट दिल्ली में आग लगने की घटनाओं का मुख्य कारण माना जा रहा है।
लेकिन समस्या यहीं खत्म नहीं होती। इस साल दिल्ली में गर्मी पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा पड़ रही है। नतीजा, बिजली की मांग भी बढ़ गई है। मई में, दिल्ली में बिजली की मांग 8,000 मेगावाट तक पहुंच गई थी। उस वक्त दिल्ली में अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास था। अभी भी गर्मी कम होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
रविवार को, भारत मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली में लू (हीटवेव) को लेकर रेड अलर्ट जारी किया था। इससे पहले ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था। रविवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 44.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6 डिग्री ज्यादा है। मौसम विभाग ने यह भी भविष्यवाणी की है कि आने वाले कुछ दिनों में भीषण गर्मी जारी रह सकती है। सोमवार और मंगलवार के लिए विभाग ने क्रमशः ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किए हैं।
बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट होने के और भी कारण हैं, जिनमें उपकरणों का सही रखरखाव ना होना, ढीले कनेक्शन और खराब वायरिंग शामिल हैं।
क्या जल्द मिलेगी राहत?
बढ़ती गर्मी से बचने के लिए डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग खूब पानी पीएं और बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। भारत मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि दिल्ली में गुरुवार और शुक्रवार को हल्की बारिश हो सकती है, जिससे अधिकतम तापमान कम हो सकता है। लेकिन तब तक, दिल्लीवासियों को तेज धूप से बचने के लिए पानी, धूप का चश्मा और बिजली कटौती के झटके सहते रहना होगा।
दिल्ली मेट्रो में अपनी मां के साथ कनॉट प्लेस गए 13 साल के कार्तिक ने कहा, “मैं कितना भी पानी पी लूं, कम लगता है। पर फिलहाल यही एक सहारा है।” उसी मेट्रो में सवार करोल बाग के 61 वर्षीय निवासी कमलेश कुमार ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि जल्द ही बारिश होगी।”