रविवार तड़के भयंकर तूफान और भारी बारिश के कारण दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का कामकाज ठप हो गया। इस वजह से 49 उड़ानों की दिशा बदलनी पड़ी और करीब 650 से अधिक उड़ानों में देरी हुई। साथ ही, टर्मिनल 1 के आगमन क्षेत्र का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया।
सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए जिनमें आगमन क्षेत्र में ऊपरी हिस्से में लगे फैब्रिक का हिस्सा फटता हुआ और पानी अंदर आता हुआ दिख रहा था। यह घटना पिछले साल 28 जून, 2024 को उसी टर्मिनल पर एक स्टील और कंक्रीट की छत गिरने की घटना के लगभग एक साल बाद हुई है, जिसमें एक टैक्सी ड्राइवर की मौत हो गई थी और आठ अन्य घायल हो गए थे। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा नियुक्त एक पैनल की जांच में छत गिरने का कारण डिजाइन में खामी, खराब कारीगरी और पर्याप्त रखरखाव न किया जाना बताया गया था।
हवाईअड्डे का संचालन करने वाली दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने रविवार को बताया कि शहर में देर रात 2 बजे के आसपास 30 से 45 मिनट के थोड़े वक्त में ही 80 मिलीमीटर (मिमी) से ज्यादा बारिश हुई और हवा की गति 70-80 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटा थी। भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) के सफदरजंग स्टेशन ने रात 11:30 बजे से सुबह 5:30 बजे के बीच 81.2 मिमी बारिश और 82 किमी प्रति घंटे तक की तेज हवाएं दर्ज कीं।
डायल ने कहा, ‘अचानक अधिक मात्रा में बारिश होने के कारण आईजीआई हवाईअड्डे और उसके आसपास अस्थायी रूप से पानी जमा हो गया, जिससे हवाईअड्डे का कामकाज थोड़ी देर के लिए प्रभावित हुआ। अत्यधिक पानी जमा होने से रोकने के लिए, चरम स्थितियों के लिए ही किए गए उपाय के तहत टी1 आगमन क्षेत्र में लगे बाहरी कपड़े वाले हिस्से में दबाव दिखा हालांकि उसके कारण ही पानी निकालने में मदद मिली।’