सरकारी कार्यों में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के जिम्मेदारी से उपयोग पर व्यापक दिशानिर्देशों के साथ-साथ एआई का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों के लिए सरकार स्वैच्छिक आचार संहिता बना रही है। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी
नई दिल्ली में आयोजित अभय त्रिपाठी स्मारक व्याख्यान में बोलते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने कहा, ‘यूरोपीय संघ द्वारा एआई को विनियमित करने के लिए जोखिम और जोखिम-आधारित मूल्यांकन आधार का काम कर रहा है। हम भी इस पर काम कर रहे हैं।’
कृष्णन ने कहा कि सरकार एक ऐसा मॉडल भी तैयार करना चाहती है जहां आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और बड़े भाषा मॉडल विकसित करने वाली कंपनियों तथा एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री बनाने वाली कंपनियों या व्यक्तियों के बीच राजस्व बांटा जा सके।
उन्होंने कहा कि देश में एआई में नवाचार को अपनाना न केवल इसे शासन स्तर पर लागू करने और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह अगली पीढ़ी के एआई मॉडल अपनाने और देश भर में इसका व्यापक प्रभाव सुनिश्चित करने का मौका है। कृष्णन ने कहा कि नई दिल्ली में अगले साल फरवरी में होने वाले ग्लोबल एआई समिट में प्रौद्योगिकी के प्रभाव पर चर्चा की जाएगी।