भारत

सार्वजनिक सीसीटीवी खरीद के लिए साइबर सुरक्षा परीक्षण पर सरकार कर रही विचार

Published by
ध्रुवाक्ष साहा
Last Updated- February 28, 2023 | 11:25 PM IST

बढ़ती डिजिटल सुरक्षा चिंताओं के बीच केंद्र सरकार सभी सरकरी एजेंसियों के द्वारा क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरों की खरीद के लिए साइबर सुरक्षा परीक्षण अनिवार्य करने की रेल मंत्रालय के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी मिली है।

रेल मंत्रालय ने नीति आयोग से कैमरों के अनिवार्य साइबर सुरक्षा मंजूरी के प्रस्ताव पर विचार करने का अनुरोध किया है। इसने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैधानिक निकाय, मानकीकरण परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणन निदेशालय (एसटीक्यूसी) द्वारा संबद्ध सॉफ़्टवेयर के परीक्षण के लिए भी आगे बढ़ने की मांग की है।

नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी को लिखे पत्र में रेल मंत्रालय ने साइबर सुरक्षा मानकों के अनुपालन की कमी पर राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को जाहिर किया है। रेलवे ने दावा किया है कि अभी तक एक भी मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) को एसटीक्यूसी मंजूरी नहीं दी गई है।

मंत्रालय ने कहा है, ‘इस संदर्भ में, रेलवे द्वारा साइबर सुरक्षा मंजूरी अनिवार्य है, जबकि शहर की निगरानी, स्मार्ट सिटी आदि जैसी अन्य परियोजनाओं में इसकी आवश्यकता नहीं है। इसलिए, ओईएम अपने उत्पादों की सुरक्षा मंजूरी के लिए प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं।’

रेलवे देश में सीसीटीवी कैमरों के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के खरीदारों में से एक है, जिसका लक्ष्य 983 रेलवे स्टेशनों में निगरानी तंत्र स्थापित करना है। इसके लिए निर्भया फंड से अलग से बजट आवंटित किया जाता है।

2019 में जब इंटरनेट आधारित वीडियो सर्विलांस सिस्टम में कमजोरियों पर बहस ने मुद्दा कड़ा था तब नीति आयोग और रेलवे ने साइबर सुरक्षा के अनुरूप सीसीटीवी कैमरे खरीदने का फैसला किया था। हालांकि, रेलवे के दबाव के बावजूद, केंद्र से स्पष्ट आदेश की कमी ने कार्यान्वयन को अप्रभावी बना दिया।

आयोग के हस्तक्षेप की मांग करते हुए, रेलवे ने कहा, ‘यह देश में समग्र सुरक्षा चिंताओं को सुनिश्चित करेगा और कैमरा ओईएम को अपने उत्पादों को साइबर सुरक्षा मानकों के अनुपालन के लिए अनिवार्य करेगा।’

महानगरों, बड़े शहरों, मध्यम और छोटे शहरों के स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए रेलवे को 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। स्टेशनों का वर्गीकरण वार्षिक राजस्व के आधार पर किया गया है। रेलवे को उम्मीद है कि इन कैमरों की स्थापना इस साल जून तक पूरी हो जाएगी।

वीडियो सर्विलांस सिस्टम के माध्यम से साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताओं का मुद्दा हाल ही में दुनिया भर में उठा है। नवंबर 2022 में, इंगलैंड सरकार ने सुरक्षा चिंताओं को लेकर दो चीनी फर्मों द्वारा बनाए गए सरकारी विभागों में सीसीटीवी कैमरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।

उन फर्मों में से एक, हाइकविजन भी कथित तौर पर रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा एक अनुबंध के लिए चल रही थी। रेलटेल रेलवे के स्वामित्व वाला उपक्रम है, जिसे इन कैमरों को लगाने का काम सौंपा गया है।

चीन निगरानी तकनीक में अग्रणी देशों में से एक है और भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच बढ़ते तनाव ने केंद्र को अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा पर कड़ी नज़र रखने के लिए प्रेरित किया है।

First Published : February 28, 2023 | 11:25 PM IST