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‘GIS में होगा अर्बन इन्फ्रा पर जोर’, बोले CM मोहन यादव- शहरी विकास में निवेश बढ़ाने की जरूरत

अधिकारियों के मुताबिक मध्य प्रदेश में बड़ी आबादी वाले शहरों की मौजूदगी के कारण निवेशक यहां आकर्षित हो रहे हैं।

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संदीप कुमार   
Last Updated- February 14, 2025 | 8:43 PM IST

Global Investors Summit 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी भोपाल में आयोजित होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में प्रदेश के शहरी विकास को सामने रखा जाएगा। यादव ने कहा कि स्मार्ट सिटीज, मजबूत अधोसंरचना और तेज वृद्धि के साथ मध्य प्रदेश देश के शहरी क्षेत्र में शीर्ष राज्यों में शामिल है। यह बात उसे निवेश की दृष्टि से भी आकर्षक बनाती है। भोपाल में आगामी 24-25 फरवरी को जीआईएस का आयोजन होना है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की तेजी से विकसित होती अधोसंरचना, आवास क्षेत्र और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के साथ करीब 72,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं संचालित हो रही हैं तथा 88,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू होनी हैं। सात स्मार्ट सिटीज, विश्व स्तरीय संपर्क और प्रगतिशील शहरी नीतियों के साथ मध्य प्रदेश निवेशकों और डेवलपर्स को बेहतर अधोसंरचना मुहैया कराने के लिए तैयार है।

यादव ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक विकसित भारत बनाने के सपने को पूरा करने के लिए शहरी विकास में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को तमाम आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

अधिकारियों के मुताबिक मध्य प्रदेश में बड़ी आबादी वाले शहरों की मौजूदगी के कारण निवेशक यहां आकर्षित हो रहे हैं। प्रदेश में पहले ही 8.32 लाख घरों का निर्माण पूरा किया जा चुका है जबकि 50,000 करोड़ रुपये की लागत से 10 लाख नए घर बनाए जा रहे हैं। प्रदेश के शहरी इलाकों में 80 फीसदी जलापूर्ति पाइप के जरिये की जाती है जिसे 2027 तक 100 फीसदी करने का इरादा है।

मध्य प्रदेश में 6,000 किमी शहरी सड़कें बन चुकी हैं जो आवागमन और संपर्क को सहज बनाती हैं। प्रदेश स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में है। प्रदेश का इंदौर शहर लगातार सातवीं बार प्रदेश का सबसे साफ शहर घोषित किया गया है जबकि भोपाल को सबसे साफ राजधानी होने का तमगा हासिल है।

भोपाल को चाहिए रीडेवलपमेंट योजना: क्रेडाई प्रेसिडेंट

कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के भोपाल चैप्टर के प्रेसिडेंट मनोज सिंह मीक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘भोपाल ने शहरीकरण की बड़ी कीमत चुकाई है। 1984 की औद्योगिक त्रासदी के बाद शहर के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोई ठोस पुर्नविकास योजना नहीं बनाई गई। जबकि दुनिया के कई  देशों ने ऐसी आपदाओं के बाद अपने आपको उबारा है। हिरोशिमा और नागासाकी का पुनर्निर्माण इसका उदाहरण है। सुनियोजित विकास नीति के तहत उनको विश्वस्तरीय शहरों में बदल दिया गया। भोपाल को भी विकसित भारत 2047 के तहत इसी तरह विकसित किया जाना चाहिए।’

First Published : February 14, 2025 | 8:00 PM IST