केंद्र सरकार ने पूर्व वित्त सचिव अजय सेठ को भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) का नया चेयरमैन नियुक्त किया। यह पद करीब चार महीने से खाली था। जून में वित्त मंत्रालय से सेवानिवृत्त हुए सेठ अब नियामकीय संस्थाओं की कमान संभालने वाले नॉर्थ ब्लॉक के पूर्व अधिकारियों की जमात में शामिल हो गए हैं।
पूर्व राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को पिछले साल दिसंबर में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का गवर्नर नियुक्त किया गया था। निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के पूर्व सचिव तुहिन कांत पांडेय को इसी साल मार्च में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का चेयरमैन बनाया गया था। पिछले सप्ताह सरकार ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन नितिन गुप्ता को राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) का प्रमुख नियुक्त किया है। भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी नितिन गुप्ता ने 27 जून, 2022 से 30 जून, 2024 के बीच सीबीडीटी प्रमुख के रूप में कार्य किया था।
अजय सेठ अप्रैल 2021 से आर्थिक मामलों के सचिव थे। वह चार साल तक वित्त मंत्री की बजट बनाने वाली ए-टीम में शामिल थे। तुहिन कांत पांडेय को अक्टूबर, 2019 से दीपम सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 5 बजट तैयार करने का श्रेय दिया जाता है। पूर्व वित्तीय सेवा एवं राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने 3 बजट तैयार किए थे।
देवाशिष पांडा का कार्यकाल मार्च 2025 में पूरा होने के बाद से ही आईआरडीएआई के चेयरमैन का पद खाली था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सेठ की नियुक्ति को 3 साल की अवधि अथवा 65 वर्ष उम्र होने तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, के लिए मंजूरी दे दी है।
कर्नाटक कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी सेठ भारत की अध्यक्षता में जी20 के फाइनैंस ट्रैक के प्रभारी अधिकारी थे। उन्हें भारत के पहले सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड जारी करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस सचिवालय बनाने जैसी पहलों का नेतृत्व करने का श्रेय दिया जाता है।
सेठ ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की से बीटेक की डिग्री और एटेनियो डी मनीला विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री हासिल की है। उनका करियर 3 दशक से अधिक का रहा है और उन्हें लोक वित्त, कराधान एवं सामाजिक क्षेत्र के प्रशासन में विशेषज्ञता प्राप्त है।
सेठ को कर्नाटक के वाणिज्यिक कर प्रशासन को बदलने के लिए जाना जाता है। उन्हें 2013 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री अवॉर्ड मिला।