तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) के अध्यक्ष अभिनेता-नेता विजय, 27 सितंबर को वेलुसामीपुरम में अपने प्रचार वाहन के अंदर काफी देर तक रुके रहे, जिससे उनकी रैली में शामिल होने के लिए जुटी भीड़ और उसकी बेताबी बढ़ने से भगदड़ की घटना हुई। घटना को लेकर दर्ज की गई प्राथमिकी में यह कहा गया है। भगदड़ में कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए।
टीवीके के एक सूत्र ने बताया कि पुलिस ने संवेदनशील कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण विजय से कहा है कि वह भगदड़ के पीड़ितों से मिलने सरकारी अस्पताल न जाएं। पुलिस ने अभिनेता के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया है, लेकिन भगदड़ के संबंध में टीवीके के तीन प्रमुख पदाधिकारियों-करूर उत्तर के जिला सचिव मथियाझागन, पार्टी के प्रदेश महासचिव बुस्सी आनंद और टीवीके के उप महासचिव निर्मल कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
सोमवार को भी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ की जांच जारी रखी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भगदड़ में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के दुख को बयां करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं और ऐसी घटनाएं फिर कहीं नहीं होनी चाहिए। सीतारमण ने सार्वजनिक समारोहों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने का समर्थन किया और कहा कि यह पूरे देश के लिए लागू होनी चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने राजग के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल गठित किया है जो भगदड़ की परिस्थितियों की जांच करेगा और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।