प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
डेल टेक्नॉलजीज भारत में अपने सर्वर और स्टोरेज कारोबार पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रही है। वह न केवल इसी नाम के कंप्यूटरों के विक्रेता के रूप में, बल्कि हार्डवेयर उद्योग में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) समाधानों और सेवाओं के प्रमुख उद्यम के रूप में भी अपनी मौजूदगी बनाना चाहती है।
कंपनी एआई के अपने सर्वरों पर बड़ा दांव लगा रही है, जो एनवीडिया के आधुनिक चिप से संचालित हैं और एआई वर्कलोड की कम्प्यूटेशन संबंधी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं। ऐसे सर्वरों की बिक्री से डेल का वैश्विक राजस्व चालू वित्त वर्ष में 20 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है जो दो साल पहले कुछ भी नहीं था। टेक्सस की डेल फरवरी से जनवरी तक की अवधि को वित्त वर्ष के रूप में मानती है।
डेल इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मनीष गुप्ता ने इस साल की शुरुआत में इस पद पर पदोन्नत होने के बाद अपनी पहली बातचीत में बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी संगठन के रूप में हम ग्राहकों को उनके नवाचार चक्र को रफ्तार देने में किस तरह मदद करें। हमारी प्राथमिकता अपनी पूरी क्षमता को प्रदर्शित करना है। न केवल उत्पादों को, बल्कि ऐसे समाधान और सेवाओं को भी जो हमें अपने ग्राहकों को नवाचार करने, अधिक उत्पादक बनने, राजस्व के और ज्यादा स्रोत बनाने, लागत कम करने और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करें।’
गुप्ता ने कहा कि डेल के पास एंड-टु-एंड समाधान हैं, जो एज और कोर से लेकर क्लाउड तक जाते हैं। यह इसकी पहली बड़ी विशिष्टता है। उन्होंने कहा कि दूसरी बड़ी विशिष्टता है एआई, मल्टी-क्लाउड, एज और डेटा स्टोरेज की तकनीक। दुनिया की सबसे बड़ी स्टोरेज कंपनी होने के नाते उसकी बढ़त है। डेल के पास एआई फैक्टरी के 3,000 वैश्विक ग्राहक हैं, अलबत्ता उसने यह बताने से इनकार कर दिया कि कितने भारतीय उद्यम इस सूची का हिस्सा हैं। वैसे उसके प्रमुख ग्राहकों में जोहो भी शामिल है जो अपनी एंटरप्राइज और एजेंटिक एआई क्षमताओं के लिए एनवीडिया के साथ डेल एआई फैक्टरी का लाभ उठा रही है।