पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच निर्वाचन आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए शुक्रवार को बुलाया है, हालांकि पार्टी ने कहा कि उसकी ओर से 10 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के लिए समय मांगा गया है।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आयोग पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि यदि निर्वाचन आयोग वास्तव में पारदर्शी है तो सिर्फ 10 सांसदों का सामना करने से क्यों डरता है? पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को लिखे पत्र में आयोग ने सोमवार को कहा कि तृणमूल प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को सुबह 11 बजे शीर्ष अधिकारियों से मिल सकता है।
निर्वाचन आयोग ने इस बात का उल्लेख किया कि तृणमूल नेता डेरेक ओब्रायन ने पार्टी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय देने का अनुरोध किया था। निर्वाचन आयोग ने कहा, ‘आयोग रचनात्मक संवाद के लिए राजनीतिक दलों के साथ नियमित बातचीत का हमेशा स्वागत करता है।’ आयोग ने कहा, ‘इसी के तहत, आयोग ने पार्टी के अनुरोध पर विचार किया और 28 नवंबर को सुबह 11 बजे बैठक के लिए पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधि और चार अन्य सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय देने का फैसला किया है।’
ओब्रायन ने रविवार को आयोग को पत्र लिखकर समय मांगा था। यह प्रस्तावित बैठक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर हाल के दो मुद्दों में उनके ‘तत्काल हस्तक्षेप’ की मांग की पृष्ठभूमि में होगी। ममता बनर्जी ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के उस निर्देश का हवाला दिया कि विशेष गहन पुनरीक्षण, मतदाता सूची के शुद्धिकरण की प्रक्रिया या अन्य चुनाव-संबंधित कार्यों के लिए संविदात्मक डेटा-एंट्री ऑपरेटर और बांग्ला सहायता केंद्र कर्मचारियों को शामिल नहीं करें। उन्होंने जिस दूसरे विषय का हवाला दिया था, वह निजी आवासीय परिसरों के अंदर मतदान केंद्र स्थापित करने के निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव से संबंधित है।